इंदौर: रामबाग श्मशान घाट में भैरव अष्टमी का अलौकिक नजारा, भक्ति और भव्यता का संगम

इंदौर: रामबाग श्मशान घाट में भैरव अष्टमी पर भव्य जन्मोत्सव का आयोजन
इंदौर के रामबाग श्मशान घाट में भक्ति और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब भैरव अष्टमी के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। गुरुवार रात से शुरू हुए इस आयोजन की शुरुआत सुंदरकांड पाठ और भजन संध्या से हुई, जिसने मुक्तिधाम को भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया।
श्रद्धालुओं का भक्ति-भावपूर्ण जमावड़ा
शाम 7:30 बजे से शुरू हुए सुंदरकांड पाठ में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। आयोजन स्थल को रंग-बिरंगी लाइटों और दीपों से सजाया गया था, जिससे रामबाग मुक्तिधाम का दृश्य अत्यंत मनमोहक लग रहा था। महिला भक्तों ने भैरव बाबा का हल्दी-मेहंदी से श्रृंगार किया और उन्हें विशेष व्यंजनों और मिठाइयों का भोग अर्पित किया। भक्ति संगीत और भजनों ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।
भव्य सवारी और विशाल भंडारे का आयोजन
पुजारी दिलीप माने ने बताया कि शुक्रवार को आयोजन के दूसरे दिन भैरव बाबा की भव्य सवारी निकाली जाएगी। यह सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस मुक्तिधाम पहुंचेगी। भक्तों के लिए यह बाबा के दर्शन और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर होगा।
आयोजन के अंतिम दिन, शनिवार, को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे। यह आयोजन भक्ति और आध्यात्मिकता का ऐसा संगम है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया है।
आस्था का प्रतीक
रामबाग श्मशान घाट पर हर साल भैरव अष्टमी पर यह आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार का उत्सव खास था। यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि भक्ति और आस्था के लिए स्थान और परिस्थितियां कोई बाधा नहीं बनतीं। श्मशान घाट में दीपों की जगमगाहट और भजनों की गूंज ने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
रामबाग मुक्तिधाम में आयोजित यह भैरव जन्मोत्सव न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव लेकर आया, बल्कि इंदौर की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया।