इंदौर: सोने, चांदी और काष्ठ से बने 108 रथों की भव्य यात्रा निकली, दोपहर 3 बजे तक मार्ग रहेगा डायवर्ट

जैन समाज द्वारा आयोजित इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान में इंदौर की सड़कों पर एक अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहां देशभर से आए 108 स्वर्ण, रजत और काष्ठ के रथों की एक भव्य रथयात्रा निकाली गई। यह यात्रा विजय नगर से सुबह आठ बजे सिद्धचक्र महामंडल विधान के समापन पर आरंभ हुई। इस रथयात्रा में हजारों की संख्या में समाजजन उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। रथयात्रा विजय नगर से प्रारंभ होकर रसोमा चौराहा, एलआईजी चौराहा, एमआईजी थाने के सामने, पाटनीपुरा, आस्था टॉकीज, भमोरी, आरके एलाइनमेंट, रसोमा चौराहा के मार्ग से होते हुए विजयनगर चौराहा पर समाप्त होगी।
यातायात विभाग ने इस रथयात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष रूट प्लान लागू किया है, जो दोपहर तीन बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान विजयनगर चौराहा, रेडिसन चौराहा, सत्यसाईं चौराहा, मेरियट होटल चौराहा और रसोमा चौराहा की ओर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। चल समारोह के दौरान भारी वाहन, बस, यात्री वाहन और अन्य व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश जुलूस मार्ग पर वर्जित किया गया है।
रथयात्रा की विशेषता यह रही कि इस बार पहली बार एक साथ 108 रथों का सामूहिक दर्शन हुआ, जिनमें दो स्वर्ण रथ, 35 से अधिक रजत रथ और 150 वर्ष पुराने काष्ठ के रथ शामिल थे। इन रथों की ऊंचाई 10 से 20 फीट तक है और यह रथ बिहार, गुजरात, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों से लाए गए हैं। समाजजन के इस धार्मिक उत्साह और आयोजन की भव्यता ने इंदौर शहर में आध्यात्मिकता का विशेष वातावरण निर्मित किया है।