यूपी में 83 एकड़ पर बनेगा औद्योगिक क्षेत्र, दो गांवों से होगी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया

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उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को 2028 तक एक ट्रिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने लैंडबैंक तैयार करने की योजना बनाई है, जिसमें राज्य की सरकारी और निजी दोनों तरह की ज़मीनों को औद्योगिक निवेश के लिए चिह्नित किया गया है। इसके तहत प्रदेश में छह औद्योगिक एक्सप्रेस-वे के पास औद्योगिक गलियारों का निर्माण किया जा रहा है और इसके साथ ही सरकारी भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को सौंपी गई है।

प्रदेश में कुल 12,513 एकड़ सरकारी भूमि को औद्योगिक विकास के लिए चिह्नित किया गया है। इन ज़मीनों को निवेशकों को उपलब्ध कराकर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। मेरठ जिले के सरधना तहसील में स्थित दो गांवों—खिवाई और खेड़ी कलां—की 83 एकड़ भूमि को भी औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए चिह्नित किया गया है। यह भूमि यूपीसीडा द्वारा सर्वे की गई थी, और इसे औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त पाया गया। अब, यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश झा ने जिलाधिकारी से इस भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए पत्र भेजा है, ताकि औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण शुरू किया जा सके।

सरकार का उद्देश्य है कि उच्च स्तर के निवेश को आकर्षित कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान की जाए। इसके लिए सरकारी और निजी दोनों तरह की ज़मीनों का समुचित उपयोग किया जाएगा। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से न केवल प्रदेश में औद्योगिक वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

सरकार की इस पहल से प्रदेश के आर्थिक ढांचे में सुधार होगा, और उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण औद्योगिक हब के रूप में उभरेगा। इसके साथ ही, औद्योगिक गलियारों का निर्माण और लैंडबैंक का प्रभावी उपयोग प्रदेश के विकास की गति को तेज करेगा।

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