कुंदरकी उपचुनाव: सपा प्रत्याशी रिजवान का आरोप, कहा – जेल में डालकर जीत का प्रमाणपत्र दे दो

उत्तर प्रदेश की कुंदरकी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन के प्रत्याशी हाजी रिजवान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे पुलिस से नाराजगी जाहिर करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में हाजी रिजवान पुलिसकर्मियों से कह रहे हैं कि उन्हें जेल में डाल दें और विपक्षी प्रत्याशी को सीधे जीत का प्रमाणपत्र दे दें। यह घटना मुरादाबाद जिले के मूंढापांडे थाने के बाहर की बताई जा रही है, जहां हाजी रिजवान अपने एक समर्थक को छुड़ाने के लिए पहुंचे थे।
वीडियो के अनुसार, पुलिस ने उनके समर्थक को शादी समारोह से उठाकर थाने में बैठा लिया था, जिसके बाद हाजी रिजवान अपने कुछ समर्थकों और सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह के साथ थाने पहुंचे। इस दौरान उनका पुलिस से तीखी बहस हुई, जिसमें वे पुलिस पर सत्ता के दबाव में काम करने का आरोप लगाते नजर आए। वीडियो में वे दरोगा से कहते हैं कि उन्हें अब बात नहीं करनी है बल्कि आरपार करना है, और यदि पुलिस लाठी या गोली चलाना चाहती है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। उन्होंने चुनाव में धांधली और पुलिस के बल पर विपक्षी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया।
इस घटना ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। सपा प्रत्याशी ने कहा कि वे पुलिस के रवैये और सत्ताधारी पक्ष के दबाव में उनके समर्थकों को परेशान करने के मामले में चुनाव आयोग से शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या कर रहा है और निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद को खत्म कर रहा है।
समाजवादी पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उपचुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र कराने की मांग की है। हाजी मोहम्मद रिजवान के कार्यालय पर हुई बैठक में रामपुर के सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, कांठ विधायक कमाल अख्तर, ठाकुरद्वारा विधायक नवाब जान खां, बिलारी विधायक मोहम्मद फहीम इरफान, पूर्व विधायक अनीसुर्रहमान सैफी, जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव और अन्य सपा नेता शामिल हुए।
बैठक के दौरान सपा नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर चुनावी माहौल में सपा कार्यकर्ताओं को दबाव में लाने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि चुनाव को निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराया जाए। पार्टी ने इसके साथ ही अपने आगामी जनसभाओं की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया और जनता को सत्ताधारी पक्ष के दमनकारी रवैये से अवगत कराने की योजना बनाई।