सचिन पायलट हुए ट्रैक्टर पर सवार और किरोड़ी मीणा ने की मोटरसाइकिल की सवारी
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक बयान दौसा चुनाव की दिशा ही बदल गया। गहलोत ने दौसा चुनाव में मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई और ठंडे पड़े दौसा के चुनाव अचानक गर्मा उठे।
कांग्रेस के दौसा सांसद मुरारी मीणा तुरंत सक्रिय हो गए और साथ में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट भी मैदान में आ गए। दीनदयाल बैरवा को मानो नया जोश मिल गया। जब सचिन पायलट सैथल में बैरवा के कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे, तो वहां की भीड़ देखकर ऐसा लगा जैसे पूरा दौसा उमड़ आया हो।
जब सचिन पायलट ट्रैक्टर पर सवार होकर चुनावी प्रचार में जुटे, तो विपक्ष के उम्मीदवार के होश उड़ गए। हालांकि, यह हथकंडे पहले डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के थे, जो इन्हीं रणनीतियों के जनक माने जाते हैं। वे भी अपने समर्थकों के साथ मोटरसाइकिल पर निकल पड़े, जिससे चुनावी मैदान और भी दिलचस्प हो गया।
अब दौसा का चुनाव सीधे तौर पर सचिन पायलट और डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के बीच मुकाबला बनता दिखाई दे रहा है। दोनों दिग्गज नेताओं के बीच अपनी अस्मिता की जंग शुरू हो चुकी है। एक तरफ, बाबा (किरोड़ी लाल मीणा) अपने भाई के लिए केंद्रीय आलाकमान से टिकट पाने की उम्मीद में हैं, क्योंकि उन्हें यकीन है कि भाजपा की जीत तय है। वहीं, दूसरी ओर, अशोक गहलोत के बयान के बाद सचिन पायलट दौसा में अपनी सीट खोकर कांग्रेस आलाकमान के सामने कमजोर नहीं दिखना चाहते। पायलट यह नहीं चाहते कि दौसा हारने के बाद गहलोत को कोई मौका मिले।