BHU में अमेरिकी चुनाव और रामराज्य पर संवाद, प्रोफेसर ने बताया ट्रंप का संबंध

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अमेरिका चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और उनके रामराज्य लाने के नारे पर बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई। बीएचयू के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. घनश्याम ने भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवासियों के विषय पर एक लेक्चर दिया, जिसमें अमेरिकी चुनाव और ट्रंप के पक्ष में उठाए गए रामराज्य के नारे को विशेष रूप से संबोधित किया। ट्रंप के समर्थकों द्वारा पकड़ी गई तख्तियों पर “ट्रंप ब्रिंगिंग राम राज्य” (ट्रंप रामराज्य ला रहे हैं) लिखा था, जो एक धार्मिक संदर्भ से जुड़ा था।

प्रोफेसर घनश्याम ने अपनी प्रस्तुति के दौरान भारतीयों और अमेरिकी चुनावों के बीच के संबंध को समझाया। उन्होंने बताया कि दुनिया में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी अमेरिका में रहते हैं, जिनकी संख्या करीब 44 लाख 60 हजार है। इसके अलावा, अमेरिकी तकनीकी और आर्थिक क्षेत्र में 10 प्रतिशत भारतीय काम कर रहे हैं, हालांकि चिंता जताई गई कि कुछ भारतीय अमेरिका में कम वेतन पर भी काम करने को तैयार हैं, जबकि यह स्थिति बदलनी चाहिए।

इतिहास के संदर्भ में, प्रोफेसर ने बताया कि भारतीयों का अमेरिका में प्रवास 80 सालों से जारी है। 1946 में ल्यूस-सेलर कानून के तहत 100 भारतीयों को अमेरिका में बसने की अनुमति मिली थी, जिसके बाद उच्च कौशल वाले भारतीयों ने तेजी से अमेरिका की ओर रुख किया। इसके बाद तीन प्रमुख चरणों में भारतीय प्रवास हुआ: पहला चरण 1965-79 में था, जिसमें डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और वैज्ञानिकों का प्रवास हुआ; दूसरा चरण 1980-94 में परिवारों के प्रवास का था, और तीसरा चरण 1995 के बाद से शुरू हुआ, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त और उच्च आय वाले भारतीयों का प्रवास हुआ, जिनमें कई अब बड़े उद्यमी बन चुके हैं।

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