Jharkhand News: “भाजपा का मास्टरस्ट्रोक, मंडल मुर्मू को पार्टी में शामिल कर सोरेन को दिया झटका”

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Jharkhand Election 2024: सिदो कान्हु के वंशज मंडल मुर्मू को पार्टी में शामिल कराकर भाजपा ने बड़ा दांव चला है। मंडल मुर्मू विधानसभा चुनाव में घूम घूम कर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे। चुनाव के बाद उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठ विरोधी आंदोलन की कमान सौंपने की भी तैयारी है। दरअसल, बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले को लोकसभा में गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे व विधानसभा में राजमहल विधायक अनंत ओझा लंबे समय से उठाते रहे हैं।

राज्य के आदिवासी नेता भी इस मामले में ज्यादा मुखर नहीं थे। आंकड़ों के सामने आने के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी चौकन्ना हुआ और अब यह पार्टी का सबसे प्रमुख चुनावी मुद्दा है। चुनावी संकल्प में भी पार्टी ने इसे शामिल कर लिया है। ऐसे में राज्य में सरकार बनने के बाद भी घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें भगाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। ऐसे में मंडल मुर्मू व गमालियल हेम्ब्रम जैसे युवाओं को आगे कर घुसपैठियों को खदेड़ने की जमीन तैयार की जाएगी। यहां यह ध्यान देने योग्य बात है कि मंडल मुर्मू के पूर्वज सिदो कान्हु, फूलो-झानो व चांद-भैरव ने यहां से अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए अपनी कुर्बानी दे दी थी।

गोड्डा सांसद ने बनाई रणनीति:

गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की हेमंत सोरेन से दुश्मनी जगजाहिर है। दोनों एक-दूसरे पर वार का कोई भी मौका चूकते नहीं हैं। ऐसे में पिछले दिनों जब गोड्डा सांसद को जानकारी मिली कि सिदो कान्हु के वंशज मंडल मुर्मू को पार्टी बरहेट से विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहती है पर वह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं तो तुरंत उन्होंने मंडल मुर्मू से संपर्क किया।27 अक्टूबर को देवघर में मंडल मुर्मू की गोड्डा सांसद से मुलाकात हुई। इसके बाद झामुमो नेतृत्व भी एक्शन में आ गया। मंडल मुर्मू रांची जा रहे थे तभी गिरिडीह के डुमरी में उन्हें पुलिस ने जांच के नाम पर रोक लिया। चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद मंडल मुर्मू वहां से रवाना हुए। रांची में भाजपा के वरीय नेताओं से मुलाकात भी की।

इधर, बरहेट में एक झामुमो नेता ने हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू की गुमशुदगी का सनहा दर्ज करा दिया जिसके बाद बरहेट थाने की पुलिस धनबाद पहुंची और मंडल मुर्मू को लेकर यहां पहुंची।

हेमलाल मुर्मू के नामांकन में शामिल हुए थे मंडल:

अगले ही दिन मंडल मुर्मू लिट्टीपाड़ा में झामुमो प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू के नामांकन सभा में मंच पर देखे गए। इसके बाद एक बार लगा कि भाजपा का आपरेशन फेल हो गया। इस बीच तीन नवंबर को देवघर में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा व डॉ. निशिकांत दुबे की मौजूदगी में मंडल मुर्मू ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सभी को चौंका दिया।असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों मंडल मुर्मू से जो बात हुई है उसी का यह अगला कदम है। तीन नवंबर को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मंडल मुर्मू ने अपना फेसबुक प्रोफाइल बदल लिया। प्रोफाइल में उन्होंने शिवराज सिंह चौहान से सदस्यता लेते फोटो लगा लिया है। वैसे सदस्यता ग्रहण करने के बाद से ही उनका मोबाइल आफ है। सूत्रों की मानें तो एक रणनीति के तहत उनका मोबाइल आफ करा दिया गया है।

कौन हैं मंडल मुर्मू?

मंडल मुर्मू सिदो कान्हु के परपोते हैं। 2006 में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने उन्हें गोद लिया था। मंडल की स्कूली शिक्षा रांची के कैम्ब्रिज स्कूल में हुई। इसके बाद 2013-16 में सिल्ली पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। नौकरी नहीं मिली। खेतीबारी करते हैं।

मंडल मुर्मू कहते हैं कि उनकी दादी बिटिया हेम्ब्रम 70 वर्ष की हैं। शहीद के छठे वंशजों में चुंडा मुर्मू, लीला मुर्मू, भादो मुर्मू, बेटाशन मुर्मू आदि हैं। हूल के महानायक सिदो कान्हु मुर्मू के वंशज में अभी कुल 87 सदस्य हैं। इनमें बच्चे, वयस्क व बुजुर्ग शामिल हैं। परिवार के पास करीब 30 बीघा जमीन है। इसमें खेतीबाड़ी करके परिवार के ज्यादातर सदस्य अपना भरण-पोषण करते हैं।

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