किरतपुर-मनाली फोरलेन पर विवाद समाप्त, बाईपास निर्माण में तेजी लाई जाएगी

किरतपुर-मनाली फोरलेन परियोजना का कार्य फिर से शुरू, टनल निर्माण में तेजी
किरतपुर-मनाली फोरलेन परियोजना, जो सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, का कार्य लगभग छह महीने से ठप पड़ा था। अब, 4 नवंबर से डयोड और खोतीनाला टनल का निर्माण कार्य फिर से शुरू होने जा रहा है। पंडोह-टकोली बाईपास का यह बंद पड़ा कार्य अब गति पकड़ने वाला है, और परियोजना का लक्ष्य मार्च 2026 तक पूरा करना है।यह टनल निर्माण डयोड के पास स्थित है, जहां पिछले छह महीनों से काम रुका हुआ था। इस रुकावट का मुख्य कारण ठेकेदारों और कंपनी प्रबंधन के बीच बकाया भुगतान को लेकर विवाद था। इस समस्या का समाधान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने किया, और शापुरजी-पलौनजी तथा एफकॉन्स कंपनी ने भी इस विवाद को सुलझाने में मदद की। हालांकि, ठेकेदारों को अभी केवल नाममात्र का भुगतान किया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में बकाया राशि का अधिकांश हिस्सा चुकाने पर सहमति बन गई है।
अब, निर्माण कार्य को फिर से गति देने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कंपनी प्रबंधन ने आवश्यक मशीनरी को फिर से चालू करने का निर्णय लिया है। शापुरजी-पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी ने काम को तेज करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, ताकि पिछले कार्य की कमी को पूरा किया जा सके। पंडोह बाईपास टकोली प्रोजेक्ट में कुल 10 टनलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से लगभग 5 टनल पहले ही यातायात के लिए खोल दी गई हैं।डयोड के पास मुख्य प्रवेशद्वार होने के कारण, यहीं पर काम रुकने से परियोजना की समय सीमा पर खतरा मंडरा रहा था। अब जब काम फिर से शुरू हो रहा है, तो इससे परियोजना की प्रगति में सुधार होगा।
शापुरजी-पलौनजी कंपनी के टीम लीडर आदर्श पन्होत्रा ने कहा कि सोमवार से निर्माण कार्य को फिर से प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी का लक्ष्य इस पूरे प्रोजेक्ट को निर्धारित समय सीमा के भीतर, यानी मार्च 2026 तक सफलतापूर्वक पूरा करना है। यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।इस परियोजना के पूरा होने से न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र के विकास और आर्थिक संभावनाओं में भी वृद्धि होगी। अब सभी की नजरें इस परियोजना पर हैं, और उम्मीद है कि जल्द ही इसे सफलतापूर्वक पूरा किया जाएगा।