कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने केदारनाथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गंभीर मुद्दे, जमीनों की गड़बड़ी का लगाया आरोप

Kedarnath

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने देहरादून में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदेश में भूमि से जुड़े मुद्दों में धोखाधड़ी का दावा किया। इस सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहारा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, और हरक सिंह रावत सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि प्रदेश में भू कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन हो रहे हैं। उन्होंने सीएम द्वारा हाल में की गई घोषणा का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने सख्त भू कानून लाने का आश्वासन दिया था। हालांकि, रावत ने सवाल उठाया कि पिछले समय में बनाई गई उच्च अधिकार समिति ने क्या किया? उन्होंने बताया कि हरिद्वार और पौड़ी जिलों में भूमि के खेल की जांच की गई है, और इसके बारे में जल्द ही जानकारी साझा की जाएगी।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि त्रिवेंद्र और धामी सरकारों ने भूमि के मामले में कई गंभीर गलतियाँ की हैं। करन माहारा ने कहा कि 2018 के बाद भू कानून में 11 बार बदलाव हुए हैं, जिसने जनता का विश्वास सरकार पर कमजोर किया है। उन्होंने बताया कि त्रिवेंद्र रावत ने यह नियम लागू किया था कि यदि भूमि का उपयोग नहीं किया गया, तो वह सरकार की संपत्ति बन जाएगी। लेकिन धामी सरकार ने 2022 में इस नियम को हटा दिया।यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन पर स्थानीय लोगों का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने इसे एक बड़ा घोटाला बताते हुए सरकार से स्पष्टता की मांग की। हरक सिंह रावत ने पूर्व की तिवारी सरकार के मजबूत भू कानून का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं है। उन्होंने राज्य में लंबे समय से लंबित बंदोबस्ती की जरूरत पर जोर दिया।

गणेश गोदियाल ने सरकार की कार्यशैली की तुलना बहती नदी के किनारे बगुले भगत से की। उन्होंने कहा कि यदि सीएम को लगता है कि कुछ गलत हो रहा है, तो उन्हें तुरंत एक अध्यादेश लाना चाहिए था। उन्होंने एक न्यायिक आयोग की स्थापना की मांग की, जिससे गड़बड़ियों की जांच हो सके और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जा सके। गोदियाल ने सीएम धामी से इस्तीफे की भी मांग की।कांग्रेस नेताओं ने जोर दिया कि सरकार को जनता के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और प्रदेश में शांति और न्याय स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए और सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराना चाहिए।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य जनता के बीच जागरूकता फैलाना था। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जनता को अपनी आवाज उठाने में डरना नहीं चाहिए और उन्हें अपने हक के लिए संघर्ष करना चाहिए। उनके अनुसार, भू कानून में हुए बदलावों ने जनता के साथ विश्वासघात किया है।कांग्रेस ने अपनी बात रखते हुए उत्तराखंड की जनता से अपील की कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और सरकार से जवाब मांगें। नेताओं ने एकजुट होकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया, ताकि प्रदेश में एक न्यायपूर्ण व्यवस्था स्थापित की जा सके।

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