अमेठी में इनोवेटिव उपाय: प्लास्टिक कचरे से बनी पक्की सड़क, अधिकारियों ने बचाए लाखों

अमेठी जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत एक अनूठा कदम उठाते हुए प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर 30 किलोमीटर पक्की सड़क का निर्माण किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल सड़क निर्माण को सस्ता बनाना है, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा करना भी है। अधिकारियों के अनुसार, प्रसंस्कृत प्लास्टिक कचरे का उपयोग निर्माण सामग्री में करने से न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि यह पर्यावरण को भी संरक्षित करता है।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सूरज पटेल ने बताया कि अमेठी जिले में प्लास्टिक कचरे के पुनः उपयोग के लिए चार तहसीलों में अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। ये इकाइयाँ भौसिंहपुर, बहादुरपुर, महोना पश्चिम, और सुजानपुर में स्थित हैं। सीडीओ ने जानकारी दी कि इस प्रक्रिया के तहत गौरीगंज खंड में एक, बहादुरपुर में एक, और जगदीशपुर खंड में चार सड़कें बनाई गई हैं।
प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने से प्रति किलोमीटर 1.5 लाख रुपये की बचत होती है। इससे 30 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर कुल 45 लाख रुपये की बचत हुई है। इस दृष्टिकोण ने प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को सरल बना दिया है, जो वर्तमान में एक गंभीर पर्यावरणीय चुनौती है।
इस प्रकार, अमेठी में की गई यह पहल न केवल स्थानीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सार्थक प्रयास है। प्लास्टिक कचरे के सही प्रबंधन से न केवल सड़कें बनाई जा रही हैं, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। इस परियोजना के माध्यम से प्रशासन ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि किस प्रकार नवाचार और संसाधनों का सही उपयोग करके हम पर्यावरण और विकास दोनों को एक साथ आगे बढ़ा सकते हैं।