पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के खिलाफ यूपी कोर्ट से जारी हुआ NBW

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बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव के खिलाफ 31 साल पुराने मामले में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला 1993 से जुड़ा हुआ है, जिसमें पप्पू यादव और 11 अन्य पर अचार संहिता उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है।

कोर्ट ने सभी आरोपियों को मंगलवार को उपस्थित रहने का आदेश दिया था, लेकिन पप्पू यादव कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके अनुपस्थित रहने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी करने का निर्णय लिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।

इस मामले के साथ-साथ पप्पू यादव की राजनीतिक स्थिति पर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि लंबे समय से वे विवादों में रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति ने उनके समर्थकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, और अब देखना यह होगा कि वे अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होते हैं या नहीं। यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में एक नई हलचल को जन्म दे सकता है।

 

ये है पूरा मामला

दरअसल, 8 नवंबर 1993 को थाना मुहम्मदाबाद में तत्कालीन थानाध्यक्ष वीएन सिंह ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पुलिस को सूचना मिली कि बिहार से दो विधायक पप्पू यादव, उमेश पासवान अपने समर्थकों को लेकर उत्तर प्रदेश में अपने विरोधी राजनीतिक दलों की चुनाव सभाओं में गड़बड़ी पैदा करने आ रहे हैं. जिसके बाद उन्हें उजियार घाट पर रोका गया. लेकिन मौजूदा संसद व अन्य लोगों ने पुलिस की कार्य में बाधा पहुंचाया। हालांकि, 2023 में तत्कालीन जिला जज शारद कुमार चौधरी ने संदेह का लाभ देते हुए सभी को बरी कर दिया था. जिसके खिलाफ अपील दायर की गई है, जिसमें कोर्ट ने पप्पू यादव समेत सभी को तलब किया था.

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