JSSC CGL अभ्यर्थियों का सत्याग्रह खत्म नहीं, रांची में बड़े आंदोलन की तैयारी

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झारखंड संयुक्त सेवा आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा में गड़बड़ी के मामले को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन अभी भी जारी है, भले ही जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई हो। मोरहाबादी के बापू वाटिका के समक्ष कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। उनका मुख्य मांग यह है कि परीक्षा को रद्द किया जाए और नये सिरे से फिर से परीक्षा आयोजित की जाए। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, अभ्यर्थियों ने अपने सत्याग्रह को जारी रखने का संकल्प लिया है।

अभ्यर्थियों के गुट ने 14 अक्टूबर को महाधारणा का आयोजन करने की घोषणा की है। राज्यभर के अभ्यर्थी उस दिन रांची के बापू वाटिका में इकट्ठा होंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे। गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में छात्र नेता इमाम सफी ने यह जानकारी दी और अभ्यर्थियों की मांगों को जोर देकर उठाया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का मकसद यह है कि परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच हो और उचित कदम उठाए जाएं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मांग परीक्षा को रद्द कराना है।

पिछले कुछ दिनों से अभ्यर्थियों ने जेएसएससी (JSSC) कार्यालय का घेराव भी किया था। इसके बाद आयोग ने आश्वासन दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं होगी, तब तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। हालांकि, यह आश्वासन अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त नहीं है। वे परीक्षा रद्द कर नये सिरे से परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में व्यापक अनियमितताएं और गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। इस कारण वे लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा और इसके लिए वे व्यापक स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं।

14 अक्टूबर को होने वाला महाधारणा इस आंदोलन का बड़ा पड़ाव साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें पूरे राज्य के अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है।

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