कंगना के चुनाव को चुनौती देने का मामला, HC में सांसद के वकील ने मांगी 3 हफ्ते की मोहलत – Petition against Kangana Election

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Kangana Ranaut MP Mandi: साल 2024 में मंडी संसदीय क्षेत्र में हुए लोकसभा चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. यह मामला न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की एकल पीठ ने सुना. याचिका दायर होने के बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कंगना रनौत से मामले में 21 अगस्त को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. आज इस मामले में सुनवाई हुई, तो कंगना रनौत के वकील ने जवाब तैयार करने के लिए तीन हफ्ते का वक्त मांगा. अब इस मामले में अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

सितंबर महीने में होगी अगली सुनवाई

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में वादी पक्ष लायक राम नेगी की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार पेश हुए, जबकि प्रतिवादी पक्ष कंगना रनौत की ओर से अंशुल बंसल और वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास के साथ अर्जुन लाल और आकाश ठाकुर पेश हुए. सुनवाई के दौरान वादी पक्ष ने भी रिप्लाई के साथ पावर ऑफ अटॉर्नी दायर करने के लिए तीन हफ्ते का वक्त मांगा. मामले में अगली सुनवाई अब सितंबर महीने में होगी.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि प्रार्थी लायक राम नेगी ने लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र को गलत तरीके से अस्वीकृत करने का आरोप लगाते हुए मंडी सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी लायक राम के मुताबिक, नामांकन अस्वीकार होने के कारण वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाया.

प्रार्थी के मुताबिक यह कोई बड़ी त्रुटि नहीं थी, जिसके कारण उसका नामांकन अस्वीकार कर दिया जाता. प्रार्थी का कहना है कि यदि उसे चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता तो संभवतः वह लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब होता. प्रार्थी ने मंडी सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की गुहार लगाई है, ताकि दोबारा इस सीट के लिए चुनाव हो सके. प्रार्थी लायक राम वन विभाग से रिटायर हुए हैं. रिटायर होने पर उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष वन विभाग से जारी जरूरी नो ड्यू सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे.

याचिकाकर्ता ने की है चुनाव रद्द करने की मांग

नामांकन के दौरान प्रार्थी को कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों की ओर से सरकारी आवास को लेकर जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट भी देने होंगे. यह सभी प्रमाण पत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया. 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी. अगले दिन उन्होंने इन प्रमाण पत्र को लेने से इनकार कर दिया. इसी के चलते याचिकाकर्ता ने मंडी संसदीय क्षेत्र में हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग उठाई है.

 

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