बिहार के बागवानी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भूमिका, कार्यक्रम की खासियत

बागवानी महोत्सव 2025 का आयोजन राजधानी पटना के गांधी मैदान में तीन से पांच जनवरी तक किया जा रहा है। इस महोत्सव का उद्घाटन कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया। महोत्सव में छत पर बागवानी योजना, तकनीकी सत्र, पुष्प सज्जा और बिहारी व्यंजनों जैसे आकर्षण शामिल हैं। इस कार्यक्रम में संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग, बिहार ने भी प्रमुख भूमिका निभाई और कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कृषि मंत्री पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि यह महोत्सव बिहार के कृषकों के उत्साह और बागवानी उत्पादों की विविधता का प्रतीक है। उन्होंने राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था और बागवानी उत्पादों के महत्व पर जोर दिया, खासकर फल, फूल, सब्जी और मसाले की खेती के क्षेत्र में बिहार की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
मंत्री पांडेय ने आगे कहा कि पिछले 20 वर्षों में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि हुई है, जिसका बड़ा योगदान किसानों की बढ़ी हुई आय से रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि बिहार में शहद के उत्सादन और प्रोत्साहन के लिए एक नई नीति बनाई जाएगी, जो विशेष रूप से भूमिहीन किसानों को मधुमक्खी पालन से जोड़ने का प्रयास करेगी। इस नीति के तहत सूर्यमुखी, सहजन, सरसों, लीची जैसे उत्पादों के शहद उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महोत्सव में बागवानी उत्पादों के साथ-साथ बीज, पौधे, बागवानी उपकरण, मधु, मखाना, मशरूम और चाय जैसी वस्तुओं की बिक्री की व्यवस्था भी की गई है।
मंत्री पांडेय ने राज्य में बागवानी के क्षेत्र में अब तक की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में वर्तमान में 13.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की फसलों की खेती की जा रही है, जिससे 286.45 लाख मीट्रिक टन बागवानी उत्पाद का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के कृषि विपणन निदेशालय की स्थापना की जानकारी दी, जिसका उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना, बेहतर पैकेजिंग, भंडारण सुविधाएं और मूल्य संवर्द्धन की व्यवस्था करना है।
महोत्सव में लगभग 1500 कृषकों ने 14,000 प्रदर्शनों के साथ भाग लिया, और 60 स्टॉल लगाए गए, जहां से लोग मनपसंद फल, फूल, सब्जी के बीज, पौधे, गमले, मधु, मखाना, मशरूम आदि खरीद सकते हैं। विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य कृषकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, उन्हें नवीनतम तकनीकी उपकरणों से अवगत कराना और निर्यात प्रोत्साहन हेतु एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के विभिन्न उच्चाधिकारी और पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची राजकुमारी देवी भी उपस्थित थीं।