लखनऊ में त्रासदी: निर्वाण संस्था के 4 बच्चों की मौत, 24 अस्पताल में भर्ती

 

लखनऊ के निर्वाण संस्था में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां चार बच्चों की मौत हो गई और 24 अन्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है और स्वास्थ्य विभाग समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।

 

घटना का विवरण

 

निर्वाण संस्था, जो लावारिस और जरूरतमंद बच्चों के पुनर्वास के लिए संचालित की जाती है, वहां अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चों को तेज बुखार, उल्टी और बेहोशी जैसी गंभीर समस्याएं होने लगीं, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले चार बच्चों की मौत हो चुकी थी, जबकि 24 अन्य का इलाज जारी है।

 

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

 

घटना की सूचना मिलते ही लखनऊ के आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह खाद्य विषाक्तता (फूड पॉइजनिंग) का मामला लग रहा है, हालांकि अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

 

जिला प्रशासन ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है और बच्चों के खाने के सैंपल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

 

परिजनों में रोष, संस्था प्रशासन पर सवाल

 

इस हादसे के बाद बच्चों के परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोग संस्था प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने संस्था के रिकॉर्ड और वहां दी जा रही सुविधाओं की भी जांच शुरू कर दी है।

 

क्या हो सकता है कारण?

 

विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों की अचानक बिगड़ी तबीयत का कारण खराब खान-पान, पानी में संक्रमण या किसी जहरीले पदार्थ का सेवन हो सकता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही असली वजह का पता चल पाएगा।

 

सरकार ने दिए सख्त आदेश

 

घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने संस्था में बच्चों की देखरेख, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, यदि कोई लापरवाही पाई जाती है, तो संस्था प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

आगे की कार्रवाई

 

अभी तक संस्था के कुछ कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है और जांच रिपोर्ट के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने कहा है कि बच्चों के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी बाल संस्थानों की गहन जांच की जाएगी

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