कानपुर में गंगा मेला का भव्य आगाज, झंडारोहण के साथ निकला रंग ठेला

एतिहासिक गंगा मेला धूमधाम से मना, रंगों से सराबोर हुआ कानपुर

 

कानपुर में गंगा मेला की धूम, झंडारोहण के साथ रंग ठेला और होरियारों का नृत्य

 

कानपुर में होली के बाद मनाए जाने वाले ऐतिहासिक गंगा मेला की शुरुआत हाटिया से झंडारोहण के साथ हो गई। पारंपरिक रंग ठेला निकाला गया, जिसमें होरियारे नाचते-गाते नजर आए। रंगों और उमंग से सराबोर इस मेले में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और गंगा मेया का जयकारा लगाया।

 

 

 

गंगा मेला कानपुर की संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा एक प्रमुख आयोजन है। यह मेला 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों की याद में आयोजित किया जाता है। इस बार भी मेले की शुरुआत झंडारोहण से हुई, जिसके बाद रंग ठेला निकाला गया।

 

होरियारों का नृत्य और उत्सव का माहौल

 

रंग ठेला में होरियारे पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते नजर आए। कानपुर की गलियों में ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ लोग एक-दूसरे को रंग और अबीर लगाकर होली का आनंद लेते दिखे। मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

 

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

 

गंगा मेला में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात किए गए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

 

नगरवासियों में उत्साह

 

गंगा मेला में कानपुर के नागरिकों का उत्साह देखते ही बना। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी इस ऐतिहासिक मेले का आनंद ले रहे हैं। रंगों की बौछार और गुलाल उड़ाते हुए लोग इस पर्व को खास बना रहे हैं।

 

 

कानपुर का गंगा मेला सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और भाईचारे का प्रतीक है। हर साल की तरह इस बार भी यह मेला शहरवासियों के लिए उल्लास और उत्सव का केंद्र बना हुआ है।

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