हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल: बहराइच के मंदिर में 18 साल से सेवा कर रहे मोहम्मद अली

मायूसी के बीच Bahraich की Hindu-Muslim एकता की कहानी | Bahraich Violence |  Hindu and Muslim Unity

 

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली है। यहां जैतापुर बाजार में स्थित श्री वृद्ध मातेश्वरी माता घूर देवी मंदिर में मोहम्मद अली पिछले 18 सालों से सेवा कर रहे हैं। मोहम्मद अली, देवी घूर देवी और भगवान हनुमान की पूजा करने के साथ-साथ रोजा और नमाज अदा भी करते हैं।

बीमारी और मंदिर की सेवा का आरंभ

मोहम्मद अली ने बताया कि सात साल की उम्र में उन्हें ल्यूकोडर्मा नाम की बीमारी हो गई थी। इलाज से फायदा नहीं हुआ, लेकिन उनकी मां ने उन्हें घूर देवी मंदिर ले जाने पर उनकी बीमारी ठीक हो गई। तभी से वे मंदिर की सेवा कर रहे हैं।

मंदिर के विकास कार्य

मोहम्मद अली ने 2007 में मंदिर की सेवा करनी शुरू की। उन्होंने बताया कि एक सपना आने पर देवी ने उनसे मंदिर में सेवा करने के लिए कहा। अली के नेतृत्व में मंदिर में विकास कार्य किए गए। मंदिर के जीर्णोद्धार में सार्वजनिक योगदान और सरकारी मदद मिली है।

हनुमान जी की प्रतिमा और भंडारे का आयोजन

मंदिर के विकास के लिए इस साल 2.7 लाख रुपये जुटाए गए हैं। हाल ही में जयपुर से 2.5 लाख रुपये में 5.5 फुट की हनुमान जी की प्रतिमा मंगवाई गई। 15 से 19 जनवरी तक भगवान हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा की गई और भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें तीन से चार हजार लोग आए।

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