महाकुंभ मेला 2025: डॉ. कुमार विश्वास ने रामकथा में दी नई पीढ़ी को शिक्षा

Kumar vishvas

 

प्रयागराज: मंगलवार की शाम गंगा पंडाल में डॉ. कुमार विश्वास की कविता ‘जरा हल्के गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले…’ ने सामाजिक विद्रूपता को उजागर किया। रामकथा मर्मज्ञ डॉ. कुमार विश्वास ने नई पीढ़ी के लोभ और अहंकार पर तंज कसा और उन्हें इच्छाओं को काबू में रखने की नसीहत दी।

 

भारत सरकार और संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रामकथा ‘अपने-अपने राम’ में डॉ. कुमार विश्वास ने रावण-अंगद संवाद का वर्णन किया। रावण द्वारा अंगद से राम की तुलना पर अंगद ने तंज भरे अंदाज में कहा, ‘अंकल सही कहा, आपने कहां आप और कहां वो।’

 

कविता के माध्यम से उन्होंने संदेश दिया कि इस चकाचौंध के दौर में नई पीढ़ी अपने मन की चंचलता पर काबू पाने के लिए मन में राम को बसाए, ताकि उनके जीवन की गाड़ी संभल-संभल कर चले।

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