बिहार न्यूज: लोकसभा अध्यक्ष का आह्वान, कहा- ‘एक देश, एक विधान’ लक्ष्य को करेंगे साकार

बिहार न्यूज: लोकसभा अध्यक्ष का आह्वान, कहा- ‘एक देश, एक विधान’ लक्ष्य को करेंगे साकार

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन के दौरान लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 2025 में एक प्लेटफार्म पर एक देश एक विधान को लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में एक ही प्लेटफार्म पर राज्य की विधायकों की सारी डिबेट चर्चा बजट,केंद्रीय विधानमंडल राज्यसभा लोकसभा की एक ही प्लेटफार्म पर देश की जनता को कारवाई को देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इससे देश को बहुत फायदा होगा।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दो दिवसीय अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान कहा कि वर्ष 2025 में हमने यह सामूहिक रूप से प्रयास किया है कि हमारे नियम, प्रक्रिया, परंपरा, परिपाटियाँ अपनी-अपनी राज्य की स्वायत्ता होने के बाद भी राज्यव्यापी बने, देशव्यापी बने और इसी के साथ हमने जब पहला निर्णय लिया था कि डिजिटल रूप से भी हमारी सभी राज्य की विधान सभाएं हों।

ओम बिड़ला ने कहा कि आज देश की अधिकतम राज्य की विधानसभा पेपरलेस हो चुकी है। अधिकतर राज्य की विधानसभाओं ने अपनी डिबेट और चर्चा को डिजिटलीकरण कर दिया है। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि एक प्लेटफार्म पर जब राज्य की विधानसभा और लोकसभा राज्य की कार्रवाई होगी तो निश्चित रूप से कानून बनाते समय हमारे जनप्रतिनिधि सार्थक चर्चा कर पाएंगे। इतना ही नहीं उस समय वह बजट के अनुभवों का लाभ भी प्राप्त कर पाएंगे और बजट पर भी सार्थक चर्चा भी कर पाएंगे।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने घोषणा करते हुए कहा कि एआईपीएसी ने निर्णय लिया है कि हम एक प्लेटफार्म पर 2025 तक हमारे लक्ष्यों को पूरा करेंगे और एक प्लेटफार्म पर एक देश एक विधान के कार्य को पूरा करेंगे। इसी के साथ राज्य की जिम्मेदारी और बन जाती है कि राज्य की विधानसभाएं भी अपनी कई लोकतांत्रिक संस्थाएं, चाहे पंचायत राज हो, चाहे नगरीय हो, चाहे कोऑपरेटिव सेक्टर हो हमारी सारी कोऑपरेटिव से लेकर पंचायत से लेकर संसद तक की जितनी हमारी लोकतांत्रिक संस्थाए हैं इन लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त करना पड़ेगा।

ओम बिड़ला ने कहा कि पंचायत के अंदर भी वहां की समस्याओं, वहां की कठिनाइयों और  वहां की चुनौतियों पर सार्थक चर्चा होनी चाहिए। नगरीय क्षेत्र के अंदर भी नगरीय सरकारों में भी इसी तरीके की चर्चा हो जब हमारे लोकतंत्र के सारे मैक्म सिस्टम के अंदर बेहतरीन चर्चा संवाद होने लगेंगे तो एक महत्त्वपूर्ण परिणाम आएंगे मेरा मानना है।

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