
आगरा, जहां ताजमहल जैसी विश्व धरोहर है, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हालांकि, यह शहर कुछ इलाकों में महिलाओं के लिए असुरक्षित भी साबित हो सकता है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने सोमवार को मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत वुमेन सेफ्टी सेल द्वारा महिला सुरक्षा पर एक परिचर्चा आयोजित की। इस चर्चा में महिला सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ और 2025 तक सुरक्षा को लेकर लक्ष्य तय किए गए।एसीपी सुकन्या शर्मा ने बताया कि आगरा के कुछ इलाकों जैसे वजीरपुरा, कमलानगर, आवास विकास कॉलोनी, बोदला और सदर बाजार में छेड़छाड़ की घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं। उन्होंने महिलाओं से पूछा कि इन इलाकों में क्या कदम उठाए जा सकते हैं ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस पर कई सुझाव आए। शीला बहल ने इन इलाकों में टीम बनाने की बात की, जबकि नम्रता मिश्रा ने गोरिल्ला टीम बनाने का सुझाव दिया।
इसके साथ ही, चौराहों पर पैनिक बटन की तरह अलार्म बटन लगाने और पुलिस गश्त बढ़ाने की भी सलाह दी गई।महिलाओं ने यह भी साझा किया कि शारीरिक रूप से जितना नुकसान नहीं होता, मानसिक रूप से उतना ही असर पड़ता है। छेड़छाड़ की घटनाओं के बाद समाज, परिवार और दोस्तों का नजरिया बदल जाता है, जिससे महिलाएं मानसिक रूप से टूट जाती हैं। ऐसे में पीड़ित महिलाओं को समर्थन और हिम्मत देने की जरूरत है, ताकि वे अपनी बात सामने रख सकें।इस अवसर पर डॉ. किरण कश्यप, जया चतुर्वेदी, डॉ. पूनम, श्रुति, मोनिका, वत्सला प्रभाकर, शीला बहल और प्रभजोत कौर जैसी महिलाओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।