संभल और वाराणसी के बाद जौनपुर में धार्मिक विवाद, शाही पुल से जुड़ा मां काली का मामला

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जौनपुर में शाही पुल की दीवार के अंदर मां काली की मूर्ति होने का दावा किया जा रहा है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में आक्रोश है। सोमवार को हिंदू पक्ष के लोग शाही पुल के नीचे गुंबद के पास पहुंचे और आरोप लगाया कि दीवार के अंदर मां काली की मूर्ति को बंद कर दिया गया है। इसके बाद श्रद्धालुओं ने हनुमान घाट स्थित स्थल पर पूजा-अर्चना की और प्रशासन से दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए दीवार गिराने की मांग की।

 

स्वामी अंबुजानंद के नेतृत्व में 25-30 महिला-पुरुषों का समूह हनुमान घाट स्थित गुंबद स्थल पर पहुंचे और मां काली के मंदिर होने का दावा किया। उनका कहना था कि शाही पुल के गुंबद के नीचे यह मंदिर स्थित है, और यहां पर लोग लंबे समय से पूजा करते आ रहे हैं। स्वामी अंबुजानंद ने मंदिर को 12वीं सदी का बताया और आरोप लगाया कि कुछ साल पहले प्रशासन ने इसे बंद कर दिया था।

 

श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि दीवार को तोड़ा जाए, तो अंदर देवी की मूर्ति होने का सत्य सामने आ सकता है। इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रनंदन सिंह ने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि पुरातत्व विभाग से इस मामले की जांच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि यहां पहले कोई मंदिर था या नहीं। उनके अनुसार, दीवार को तोड़ने की अनुमति तभी दी जा सकती है जब यह स्पष्ट हो जाए कि यहां कोई ऐतिहासिक स्थल या मंदिर मौजूद था।

 

यह मामला जौनपुर में हिंदू श्रद्धालुओं के बीच एक विवाद का कारण बन गया है, और प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और क्या दीवार को तोड़ने की अनुमति दी जाती है ताकि सच सामने आ सके।

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