चोरी के मामले में पुलिस की लगातार कोशिश, 15 लाख रुपये का खर्च; SSP ने दो लाख रुपये दिए

25 दिन पहले हल्द्वानी के नामी बुकसेलर फर्म पूरन एंड संस के मालिक दीपक अग्रवाल के घर चोरी की एक बड़ी घटना हुई थी, जिसमें लाखों रुपये का सामान चुरा लिया गया। इस चोरी को उनकी नौकरानी रम्बा ने अंजाम दिया, जिसने नशीला पदार्थ मिलाकर दीपक और उनकी पत्नी को बेहोश कर दिया। फिर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद से पुलिस 10 कर्मचारियों की एक टीम लगाकर चोरों की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है।रम्बा को दिल्ली में एक एजेंसी के माध्यम से काम पर रखा गया था और उसका आधार कार्ड बंगलूरू का था। पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए कई स्थानों पर छानबीन की। इसके तहत, पांच पुलिसकर्मियों की टीम दिल्ली तीन बार गई, दो सदस्यीय टीम बंगलूरू गई, और तीन सदस्यीय टीम बहराइच भी गई। इसके अलावा, 22 दिन से पुलिस की टीम नेपाल और भारत-नेपाल सीमा पर चोरों की तलाश कर रही है। नेपाल पुलिस और वहां की एसओजी भी भारतीय पुलिस की मदद कर रही है, लेकिन रम्बा और उसके साथी अब तक पकड़ में नहीं आए हैं।
इस पूरी छानबीन में हुए खर्च का आंकलन किया जाए तो यह 15 लाख रुपये से भी अधिक हो चुका है। एक दरोगा का औसत वेतन 3500 रुपये प्रतिदिन और पुलिसकर्मी का 3000 रुपये प्रतिदिन है। इस हिसाब से पुलिसकर्मियों का 25 दिनों का वेतन करीब 10 लाख रुपये बनता है। इसके अलावा, एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने पुलिस फंड से यात्रा और अन्य खर्चों के लिए दो लाख रुपये दिए हैं, और सरकारी खर्चों में वाहन आदि पर तीन लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।पुलिस अब भी इस मामले की जांच में जुटी है और जैसे-जैसे टीम की यात्रा और जांच बढ़ रही है, खर्च भी बढ़ता जा रहा है। मामले के सुलझने तक यह खर्च और बढ़ सकता है।