सुनील ओझा के करीबी सहयोगियों पर मुकदमा, ट्रस्ट विवाद को लेकर 7 लोग आरोपी
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भा.ज.पा. के पूर्व विधायक और संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले सुनील बालकृष्ण ओझा के निधन के एक साल बाद उनके ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर विवाद गहरा गया है। उनके बेटे ओझा विरल ने वाराणसी के कैंट थाने में एक तहरीर दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता के ट्रस्ट की संपत्तियों को हड़पने की साजिश चल रही है। इस मामले में संध्या दूबे और अन्य छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है।ओझा विरल ने बताया कि उनके पिता सुनील ओझा द्वारा स्थापित ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन का कार्यालय महमूरगंज स्थित विराट विला में है, और वह इस ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। उनके पिता के निधन के बाद ट्रस्ट के अन्य ट्रस्टी, जैसे मेकला विष्णु वर्धन रेड्डी, संध्या दूबे, और नितिन मल्होत्रा थे। ट्रस्ट विलेख के अनुसार, ओझा विरल और उनके भाई ओझा रित्विक को ट्रस्टी नियुक्त किया गया था।
ओझा विरल का आरोप है कि संध्या दूबे अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रस्ट की संपत्तियों को हड़पने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने फर्जी तरीके से ट्रस्ट के संबंध में अपने पक्ष में दस्तावेज तैयार किए हैं और विभिन्न व्यक्तियों से मिलकर इस षड्यंत्र को अंजाम दिया है। ओझा विरल ने यह भी दावा किया कि जब वह अपने भाई के साथ अपने पिता की पुण्यतिथि पर 29 नवंबर 2024 को वाराणसी पहुंचे, तो संध्या दूबे और उनके साथियों ने उन्हें धमकी दी। धमकी दी गई कि अगर वे यहां से नहीं भागे तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा, और यह भी कहा गया कि उनके पिता को “हमने बैकुंठ पहुंचा दिया”, implying कि उन्होंने ही उन्हें मारा था।इस मामले ने सियासी और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह विवाद सुनील ओझा जैसे प्रसिद्ध नेता के परिवार और उनके ट्रस्ट की संपत्तियों से जुड़ा है। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है, जबकि ओझा विरल ने आरोप लगाया है कि उनके पिता की संपत्तियों को हड़पने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।