Bihar News: तेजस्वी का दावा, 368 वैज्ञानिकों की बहाली में आरक्षण समाप्त; मोदी पर हमला, नीतीश-चिराग से सवाल
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर 368 वैज्ञानिकों की बहाली में आरक्षण को खत्म करने का दावा करते हुए कहा है कि कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग ने सारे पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा केंद्र सरकार की शीर्ष नौकरशाही में विशेषज्ञों की सीधी बहाली (लेटरल एंट्री) को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा रद्द करने के फौरन बाद पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि केंद्रीय कृषि और किसान मंत्रालय के अधीन काम कर रहे कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग ने प्रमुख वैज्ञानिक और वरिष्ठ वैज्ञानिक के 368 पदों की बहाली में आरक्षण खत्म कर दिया है। यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक ट्वीट में आरोप लगाया है कि एकद पद पर नियुक्ति की अधिसूचना निकालकर सभी पदों को अनारक्षित घोषित करके दलित, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण समाप्त कर दिया गया है।
तेजस्वी ने इस मसले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी और चिराग पासवान से सवाल किया है। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में बहाली के लिए निकाले गए विज्ञापन का फोटो लगाकर लिखा है- “𝐔𝐏𝐒𝐂 में लैटरल एंट्री के बाद अब संविधान और आरक्षण विरोधी मोदी सरकार ने कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग अंतर्गत विज्ञापित 𝟑𝟔𝟖 पदों की नियुक्ति में भी एकल पद के तहत विज्ञापन प्रकाशित कर और यह लिखकर कि 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐯𝐚𝐜𝐚𝐧𝐜𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐮𝐧-𝐫𝐞𝐬𝐞𝐫𝐯𝐞𝐝 (अर्थात् सभी रिक्तियां अनारक्षित हैं) दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण को समाप्त कर दिया है।”
नौकरशाही में लेटरल एंट्री वाली भर्ती का विज्ञापन रद्द, आरक्षण पर विवाद के बाद मोदी सरकार पीछे हटी
तेजस्वी ने कहा- “𝐑𝐒𝐒 कथित नकली 𝐎𝐁𝐂 प्रधानमंत्री और अप्रभावी 𝐎𝐁𝐂 कृषि मंत्री के हाथों अब कृषि विभाग की नियुक्तियों में भी आरक्षण समाप्त करवा रही है। क्या नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी दलित-पिछड़ों की इस हकमारी के विरुद्ध कुछ बोलेंगे?लेटरल एंट्री पर विपक्ष के विरोध के बाद प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी के चेयरमैन को पत्र लिखकर संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक के 45 पदों पर विशेषज्ञों की सीधी बहाली को रद्द करने कहा है।