पछुआ हवाओं के चलते तापमान में गिरावट, लखनऊ समेत कई जिलों में छाया घना कोहरा

बुधवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पछुआ हवाओं का असर देखने को मिला, जिससे सुबह और शाम की हवा में हल्की ठंडक महसूस की गई। पूर्वी और पश्चिमी यूपी के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई, हालांकि अधिकतम तापमान में खास बदलाव नहीं देखा गया। इससे दिन के समय गर्मी बनी रही, लेकिन सुबह-शाम ठंडक बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट संभव है, लेकिन यह अभी भी सामान्य से अधिक रहेगा।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने जानकारी दी कि पछुआ हवाओं के चलते प्रदेश के न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, प्रदेश के तराई इलाकों में घने कोहरे का असर रहेगा, जिससे सुबह के समय दृश्यता कम हो जाएगी। बुधवार को प्रदेश में सबसे अधिक तापमान प्रयागराज में 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि झांसी और वाराणसी में क्रमशः 33.9 और 33.8 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापमान रहा। न्यूनतम तापमान की बात करें तो कानपुर में 14.8 डिग्री, अयोध्या में 15.5 डिग्री, और मुजफ्फरनगर में 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गुरुवार को लखनऊ के आसपास के कई जिलों में घना कोहरा देखने को मिला, खासकर अंबेडकरनगर जिले में सुबह से ही कोहरा छाया रहा, जिससे सड़क पर चलना मुश्किल हो गया। वाहनों को लाइट जलाकर चलना पड़ा और उनकी गति भी धीमी करनी पड़ी। इसी तरह बहराइच में भी सुबह से घना कोहरा छाया रहा, जिससे शहर में चहल-पहल कम रही और यातायात पर असर पड़ा। हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोहरे से फसलों को नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे फसलों को फायदा ही होगा क्योंकि कोहरे में मौजूद नमी रबी की फसलों के लिए लाभकारी होती है।
मौसम में आए इस बदलाव का असर ट्रेन सेवाओं पर भी पड़ने की संभावना है। कोहरे के चलते रेलवे ने दर्जनों ट्रेनों को रद्द करने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें आगरा फोर्ट, जनता एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होगा। कोहरे के कारण हर साल दिसंबर से फरवरी तक कई ट्रेनें निरस्त की जाती हैं, जिससे यात्रियों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। रेलवे विभाग उन ट्रेनों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें इस बार कोहरे की वजह से रद्द किया जाना है। इस सूची को तैयार करने में यात्री संख्या और ट्रेनों की मांग को भी ध्यान में रखा जा रहा है ताकि यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था मिल सके।