यमकेश्वर ब्लॉक में अल्ट्रासाउंड की कमी से गर्भवती महिलाओं को हो रही कठिनाई

यमकेश्वर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड की सुविधा न होने की वजह से गर्भवती महिलाओं और अन्य मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें अल्ट्रासाउंड के लिए 60 किलोमीटर दूर ऋषिकेश या कोटद्वार स्थित सरकारी अस्पताल जाना पड़ता है। यात्रा लंबी होने के साथ ही, सड़कें भी खराब हैं, जिससे उनका सफर और भी कठिन हो जाता है। इन अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए महिलाओं को सुबह 11 बजे तक खाली पेट पहुंचना जरूरी है, लेकिन अक्सर सड़क जाम या अन्य कारणों से समय पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में पंजीकरण भी नहीं हो पाता और उन्हें अगले दिन फिर से अस्पताल आकर अपना नंबर लगवाना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में, कई बार महिलाएं निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का रुख करती हैं, जहां इलाज काफी महंगा होता है। इसके अलावा, उन्हें रात रुकने के लिए होटल या धर्मशालाओं में भी ठहरना पड़ता है, या फिर रिश्तेदारों के घर रहकर समय बिताना पड़ता है।यमकेश्वर ब्लॉक में हर महीने करीब 25-30 प्रसव होते हैं, और ये सभी प्रसव ऋषिकेश और कोटद्वार अस्पतालों में होते हैं। इस साल बारिश के मौसम में तिमली गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, लेकिन एंबुलेंस रास्ते में फंसी हुई थी क्योंकि सड़क पर मलबा आ गया था। भारी बारिश के कारण कुछ रास्ते बंद थे, जिससे महिला को अस्पताल तक पहुंचाने में देर हो गई। इस दौरान, ग्रामीणों ने महिला को टैक्सी में लाकर रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
स्थानीय लोग इस समस्या का समाधान चाहते हैं और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यमकेश्वर में अल्ट्रासाउंड मशीन और रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। ताजवर पयाल, हरदीप सिंह, शुभम नेगी, ध्यानपाल सिंह, प्रकाश चंद, राजेश सिंह और दरबान सिंह जैसे ग्रामीणों ने इस मुद्दे को प्रशासन तक पहुंचाया है। उनका मानना है कि यदि यह सुविधा यहां उपलब्ध हो, तो महिलाओं और मरीजों को 60 किलोमीटर की लंबी यात्रा से राहत मिलेगी। फिलहाल, जिले के अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रेडियोलॉजिस्ट के पद खाली हैं, और जब तक ये पद भरे नहीं जाते, तब तक अल्ट्रासाउंड मशीनें नहीं लगाई जा सकतीं।