ऑपरेशन टाइगर के तहत, जिन गांवों में बाघों का खतरा है, वहां शौचालयों का निर्माण किया जाएगा, पिंजरे स्थापित किए जाएंगे और निगरानी के लिए कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

बरेली में दक्षिण खीरी और बफर जोन के गांवों से सटे गन्ने के खेतों में बाघों और तेंदुओं का डेरा है। एक माह के अंदर जंगली जानवरों ने पांच की जान ली है। ज्यादातर घटनाएं खेत पर जाते वक्त हुई हैं। वन विभाग ने वन्यजीवों के हमले के संबंध में रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी। इसके बाद वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार के निर्देश पर उन गांवों को चिह्नित करने का अभियान चला, जहां बाघों की मौजूदगी है और फिर भी लोग शौच के लिए बाहर जाते हैं। ऐसे में 61 मजरों के 4200 घर चिह्नित हुए हैं। यहां शौचालय बनाए जाने हैं। इसमें 2226 शौचालयों के लिए बजट भी जारी हो गया है।

खीरी जिले में वन्यजीवों के हमलों को देखते हुए पिछले महीने ही वन्य राज्य मंत्री डा. अरुण कुमार पहुंचे थे। उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए सभी विभागों को साझा रणनीति पर काम करने को कहा था। उन्होंने वन विभाग से हमलों का कारण और अन्य विभागों से मदद का प्रस्ताव देने को कहा था। वन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जंगलों से सटे गांवों में बाघ, तेंदुआ आदि आ जाते हैं। ये गन्ने के खेतों में छिपकर रहते हैं।

अक्सर शाम और सुबह के वक्त ये कभी ठिकाने बदलते हैं तो कभी एक खेत से दूसरे खेत पर जाते हैं। इसी समय गांव के तमाम लोग शौचालय न होने की वजह से खेत पर पहुंचते हैं। उसी दौरान कई बार वन्यजीव हमले भी करते हैं। ग्राम पंचायत विभाग ने पहले चरण के लिए 4200 घरों की लिस्ट तैयार की और वहां शौचालय का निर्माण होगा। जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि महेशपुर क्षेत्र, गोला पलिया निघासन बांकेगंज का मैलानी क्षेत्र बाघ प्रभावित गांवों में शौचालय बनने हैं। विभाग ने इनमें 2226 शौचालयों के लिए बजट जारी कर दिया है।

बढ़ाए जाएंगे पिंजरे और कैमरे

गंगाबेहड़ गांव और इसके आसपास दहशत का पर्याय बना तेंदुआ पकड़ से अभी दूर है। चौथे दिन भी उसकी कोई लोकेशन विभाग नहीं ट्रेस कर पाया। हालाकि मंगलवार को गांव किनारे फैय्यान के घर के बाद तेंदुआ देखे जानी की चर्चा फैली। वन विभाग ने मंगलवार को पिंजरे और कैमरों की संख्या बढ़ाई है। डिप्टी रेंजर संजय आजाद ने बताया कि इन्दिरा मनोरंजन पार्क में पगचिह्न मिले हैं। पार्क के अन्दर भी एक पिंजरा लगाया जायेगा और रात में थर्मल कैमरे से निगरानी की जाएगी। क्षेत्र में कुल तीन पिंजरा, पांच जाल व छह कैमरा लगे हैं। आज किसी शरारती तत्व ने हसिया से एक जाल काट दिया है।

 

 

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