दिल्ली-NCR में ओजोन स्तर सबसे कमजोर, 10 शहरों के अध्ययन में हुआ खुलासा: CPCB ने NGT को सौंपी रिपोर्ट

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धरती को सूर्य की हानिकारक पराबैगनी विकिरणों से बचाने वाली ओजोन (ओ3) दिल्ली-एनसीआर में सबसे कमजोर है। राजधानी और मुंबई में देशभर के अन्य शहरों की तुलना में ओजोन सांद्रता में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली है। इसका खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में किया है।

राजधानी में ओजोन के बढ़ते स्तर के मामले की कोर्ट जांच कर रहा है। अधिकरण ने दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की एक रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यह मामला उठाया था। उसमें कहा गया था कि 2024 की गर्मियों में देश के 10 प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों में हवा में ग्राउंड-लेवल ओजोन का स्तर बढ़ जाएगा। इन क्षेत्रों और शहरों में बंगलूरू महानगर क्षेत्र (कर्नाटक), चेन्नई महानगर क्षेत्र (तमिलनाडु), दिल्ली-एनसीआर, ग्रेटर अहमदाबाद (गुजरात), ग्रेटर हैदराबाद (तेलंगाना), ग्रेटर जयपुर , कोलकाता महानगर क्षेत्र (पश्चिम बंगाल), ग्रेटर लखनऊ (उत्तर प्रदेश), मुंबई महानगर क्षेत्र (महाराष्ट्र) और पुणे महानगर क्षेत्र (महाराष्ट्र) शामिल हैं।

सीएसई ने रिपोर्ट में कहा था कि इस वर्ष अब तक दिल्ली-एनसीआर में अध्ययन अवधि के दौरान 176 दिन ऐसे रहे जब जमीनी स्तर पर ओजोन की मात्रा सामान्य से अधिक दर्ज की गई। साथ ही, मुंबई-एमएमआर और पुणे 138 दिन रहे। ऐसे में एनजीटी ने सीपीसीबी और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को नोटिस जारी किया था।

प्रत्येक स्टेशन पर ओजोन का 1-घंटे की अधिकता 5 फीसदी से अधिक
सीपीसीबी ने रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2023 के दौरान 178 निगरानी स्टेशनों पर ओजोन की निगरानी की गई। इनमें सामने आए आंकड़ों से पता चला कि दिल्ली-एनसीआर और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में प्रत्येक एक स्टेशन पर ओजोन का 1-घंटे की अधिकता 5 फीसदी से अधिक मिली। साथ ही, दिल्ली-एनसीआर (15), एमएमआर (10), जयपुर (5) और पुणे (2) में 32 निगरानी स्टेशनों पर ओजोन का 8-घंटे का अतिक्रमण 5 फीसदी से अधिक दर्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 की गर्मियों के दौरान कुल 178 निगरानी स्टेशनों में से दिल्ली-एनसीआर के 8 स्टेशनों और चेन्नई के 1 स्टेशन में ओजोन की 1 घंटे की अधिकता का 5 फीसदी से अधिक देखने को मिला। यही नहीं वर्ष 2023 के दौरान रात के 10 से सुबह 06 बजे तक ओजोन सांद्रता का अध्ययन किया। इसमें सामने आया कि दिल्ली-एनसीआर और एमएमआर में केवल एक-एक स्थान पर 1 घंटे के मानक से 5 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई।

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