रुड़की में विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच फायरिंग और मारपीट, मामला तूल पकड़े

Uttarakhand former MLA Khanpur Kunwar Pranav Singh Champion and Umesh Kumar Fight | Jansatta

 

उत्तराखंड के रुड़की में खानपुर के विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच जुबानी जंग अब मारपीट और फायरिंग में बदल गई है। भाजपा के पूर्व विधायक प्रणव सिंह ने अपने काफिले के साथ विधायक उमेश कुमार के कैम्प कार्यालय पर पहुंचकर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिससे शहर में दहशत का माहौल बन गया। दोनों नेताओं के बीच विवाद कोई नया नहीं है, यह ‘अदावत’ काफी पुरानी है, जिसकी शुरुआत चुनावी हार-जीत से हुई थी।

 

रुड़की पुलिस ने भाजपा के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को रविवार को विधायक उमेश कुमार के रुड़की स्थित कैंप कार्यालय पर गोलीबारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं, सोमवार को विधायक उमेश कुमार को भी गिरफ्तार किए जाने की खबर है। पत्रकार से नेता बने उमेश कुमार ने 2022 में खानपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर पूर्व विधायक प्रणव सिंह की पत्नी देवयानी को हराया था, और तभी से दोनों के बीच तनातनी जारी है।

 

सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के बीच विवाद बढ़ता जा रहा था, और रविवार को यह जुबानी जंग मैदान में उतर आई। चैंपियन अपने समर्थकों के साथ उमेश कुमार के कार्यालय पहुंचे, जहां दोनों पक्षों के समर्थक भिड़ गए और जमकर संघर्ष हुआ। इस दौरान चैंपियन ने हवा में गोली चलाई और तोड़फोड़ की। इस संघर्ष में एक समर्थक घायल भी हो गया।

 

यह विवाद 2022 के विधानसभा चुनाव से चला आ रहा है। चुनाव के बाद से दोनों नेताओं के बीच रंजिश बढ़ी है। चैंपियन का कहना है कि विधायक उमेश कुमार ने उनके घर पर हमला किया था, जिसके बाद उन्होंने जवाबी कार्रवाई की। चैंपियन की पत्नी देवयानी का आरोप है कि विधायक उमेश कुमार ने रात करीब 10 बजे उनके घर पर अपशब्द कहे थे, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो चैंपियन ने यह कदम उठाया।

 

कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पहले भी विवादों में रहे हैं। 2016 में उन्होंने कांग्रेस के साथ बगावत कर भाजपा जॉइन की थी। 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने समर्थकों के साथ शराब पीते और बंदूकें लहराते हुए डांस कर रहे थे। पार्टी ने उन्हें एक साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इस घटना के बाद, हरिद्वार के जिलाधिकारी से दोनों पक्षों के असलहे के लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिश की गई है।

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