Bihar News: गणतंत्र दिवस परेड में इस थीम पर दिखेगी बिहार की झांकी, मंत्री महेश्वर हजारी ने कही यह बातें

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गणतंत्र दिवस परेड 2025 में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, और शैक्षणिक विरासत का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि इस बार झांकी का विषय “स्वर्णिम भारत: विरासत एवं विकास” है। बिहार की झांकी में भगवान बुद्ध, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय, और घोड़ा कटोरा झील जैसे स्थलों को शामिल किया गया है।

 

बुद्ध भूमि और शांति का संदेश

झांकी में भगवान बुद्ध की 70 फीट ऊंची अलौकिक मूर्ति को प्रदर्शित किया गया है, जो राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा झील के पास स्थापित है। यह मूर्ति एक ही पत्थर से बनी है और 2018 में स्थापित की गई थी। यह स्थान इको-टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का एक अनूठा प्रयास है और हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

 

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय: ज्ञान की परंपरा का प्रतीक

बिहार की झांकी में नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष भी दिखाए जाएंगे। प्राचीन काल में यह विश्वविद्यालय वैश्विक शिक्षा का केंद्र था, जहाँ चीन, जापान, और मध्य एशिया से छात्र ज्ञान प्राप्त करने आते थे। यह स्थल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और बिहार सरकार इसके संरक्षण और विकास के लिए सतत प्रयासरत है।

 

आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय: वैश्विक शिक्षा का केंद्र

राजगीर में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन नालंदा की वास्तुकला और परंपरा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से कार्बन न्यूट्रल और नेट जीरो कैम्पस के रूप में स्थापित है। इसमें सारिपुत्र स्तूप, गोपुरम प्रवेश द्वार, और पारंपरिक बरामदे जैसे विशेष तत्व शामिल हैं।

 

इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण

बिहार सरकार घोड़ा कटोरा झील को इको-टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित कर रही है। इस प्रयास का उद्देश्य पर्यटकों को आकर्षित करना और बिहार की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करना है।

 

ग्लोबल शिक्षा मानचित्र पर बिहार

प्राचीन नालंदा के गौरव को पुनर्स्थापित करते हुए, बिहार सरकार ने नालंदा विश्वविद्यालय को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। यह झांकी न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करेगी, बल्कि राज्य के विकास और संरक्षण प्रयासों की कहानी भी बताएगी।

 

गणतंत्र दिवस परेड में इस झांकी के माध्यम से बिहार अपने ऐतिहासिक गौरव, शांति, और ज्ञान की परंपरा का संदेश पूरे देश और दुनिया को देगा।

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