सिर में गोली मारकर पैक्स अध्यक्ष के भाई की हत्या, घटना से इलाके में सनसनी

बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के देवढ़िया गांव में एक सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया है। पैक्स अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह के चचेरे भाई 50 वर्षीय ओम प्रकाश सिंह की रात में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस वारदात ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है।
घटना का विवरण
ओम प्रकाश सिंह रात में खाना खाने के बाद मवेशी खटाल के पास दालान में सोने चले गए थे। सुबह जब परिवार के सदस्य उन्हें जगाने पहुंचे, तो देखा कि उनका बिस्तर खून से लथपथ है। पास जाकर देखा तो उनके सिर में नजदीक से गोली मारी गई थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस और फोरेंसिक टीम की जांच
घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ धीरज कुमार और राजपुर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने भी जांच में सहयोग किया। प्रारंभिक जांच में रंजिश के कारण हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना के सभी संभावित बिंदुओं पर जांच कर रही है।
गांव में भय और आक्रोश
ओम प्रकाश सिंह को गांव में एक किसान के रूप में जाना जाता था। उनकी हत्या ने परिवार और ग्रामीणों को सदमे में डाल दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश का माहौल है।
पुलिस का बयान
सदर एसडीपीओ धीरज कुमार ने कहा कि हत्या के पीछे की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने बताया कि परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। राजपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार के अनुसार, अभी तक परिजनों ने किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
ग्रामीणों ने पुलिस से जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि सभी सबूतों का विश्लेषण कर अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना न केवल ग्रामीण सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंताओं को भी बढ़ाती है। पुलिस ने कहा है कि मामले की गहन जांच जारी है और जल्द ही घटना की तह तक पहुंचकर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
बक्सर की इस वारदात ने इलाके की शांति को गहरा झटका दिया है। ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वहीं, पुलिस की तेज कार्रवाई से ही पीड़ित परिवार और ग्रामीणों में भरोसा बहाल हो सकता है।