पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मांगे दो हजार, न देने पर पति का ही बना दिया

हरदोई जिले में भ्रष्टाचार और लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोथावां के अटवा गांव निवासी विश्वनाथ अपनी पत्नी शांती देवी के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ग्राम सचिव सरिता देवी के पास गए। आरोप है कि सरिता देवी ने प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 2000 रुपये की मांग की। रुपये न देने पर न केवल उन्हें कई दिनों तक टालमटोल किया गया, बल्कि 3 जनवरी को उनकी पत्नी के बजाय खुद विश्वनाथ का ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा
विश्वनाथ ने जब प्रमाण पत्र देखा, तो वह सन्न रह गए। इसके बाद मंगलवार को दोपहर लगभग दो बजे उन्होंने जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से मुलाकात की और अपनी समस्या बताई। डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।
डीएम ने लिया सख्त एक्शन
रात आठ बजे तक खंड विकास अधिकारी महेश चंद्र अटवा ने विश्वनाथ को उनकी पत्नी शांती देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र सौंप दिया। डीएम के आदेश पर ग्राम सचिव सरिता देवी को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
हस्ताक्षर में भी फर्जीवाड़ा
जांच में यह भी सामने आया कि सरिता देवी ने प्रमाण पत्र पर खुद के हस्ताक्षर नहीं किए थे। उन्होंने डेढ़ माह पहले स्थानांतरित हो चुके ग्राम सचिव धर्मवीर गौतम के हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। जिला पंचायत राज अधिकारी विनय कुमार सिंह ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सकती है, बशर्ते उच्च स्तर पर तत्परता हो।