अलवर में क्रेन की टक्कर से शिव मंदिर धराशाई, आक्रोशित जनता ने किया हाईवे जाम

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राजस्थान के अलवर में शिव मंदिर की दुर्घटना के बाद विरोध प्रदर्शन

राजस्थान के अलवर जिले में अग्रसेन सर्किल हाइवे पर स्थित प्राचीन शिव परिवार मंदिर के साथ बीती रात एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। एक अनजान क्रेन चालक ने गलती से मंदिर को टक्कर मार दी, जिससे यह धार्मिक स्थल पूरी तरह से धराशाई हो गया। यह घटना उस समय घटी जब चालक हाईवे से क्रेन लेकर गुजर रहा था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मंदिर की संरचना पूरी तरह नष्ट हो गई, और वहां स्थापित शिव परिवार की मूर्तियां खंडित हो गईं।

सुबह मिली जानकारी से भड़के लोग, हाईवे पर किया प्रदर्शन

घटना की जानकारी सुबह होते ही स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया। मंदिर उनके लिए न सिर्फ एक धार्मिक स्थल था, बल्कि आस्था का केंद्र भी था। गुस्से में लोगों ने तुरंत ही अग्रसेन सर्किल हाइवे को जाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया। विरोध प्रदर्शन में लोगों की भारी भीड़ जुट गई, जो मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग कर रही थी। लोगों ने साफ कर दिया कि जब तक मंदिर को पुनः निर्मित नहीं किया जाता, उनका विरोध जारी रहेगा।

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, आरोपी चालक गिरफ्तार

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। पुलिस ने तुरंत आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की, जिससे आरोपी क्रेन चालक की पहचान हो गई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ जारी है। प्रारंभिक जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि चालक घटना के समय नशे में था। पुलिस ने क्रेन को भी जब्त कर लिया है।

 

मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग पर अड़े स्थानीय लोग

इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मंदिर काफी पुराने समय से यहां स्थित था और उनके लिए अत्यंत पवित्र था। लोगों ने साफ कहा कि मंदिर का पुनर्निर्माण जब तक नहीं होता, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। मंदिर के टूटने से जहां धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है, वहीं मूर्तियों के खंडित हो जाने से लोगों की नाराजगी और बढ़ गई है।

स्थानीय प्रशासन और क्रेन मालिक के बीच बातचीत के बाद मंदिर के पुनर्निर्माण की दिशा में कदम उठाए जाने की संभावना है। हालांकि, स्थानीय लोग तब तक आश्वस्त नहीं हैं, जब तक मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो जाता। इस पूरे मामले ने अलवर में धार्मिक आस्था और सुरक्षा मानकों के प्रति जागरूकता की एक बार फिर से जरूरत को उजागर कर दिया है।

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