Jalore: मकर संक्रांति पर होने वाली पतंगबाजी के लिए प्रशासन ने की गाइडलाइंस जारी
Jalore News: राजस्थान के जालौर में मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग बाजी के लिए धातुओं से मिश्रण से निर्मित पतंगबाजी में प्रयुक्त किए जाने वाले माझे के उपयोग और बिक्री को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा पतंग बाजी का समय भी प्रशासन की ओर से तय किया गया है। मकर संक्रांति के दिन सिर्फ 9 घंटे ही पतंगबाजी कर सकेंगे।
जालौर जिला मजिस्ट्रेट एवं जिलाधिकारी डॉक्टर प्रदीप ने जिले में भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 के तहत धातु निर्मित मजे के उपयोग और बिक्री पर पूर्ण तरह निषेध की निषेध कर दिया है. जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के माझे का ना ही संरक्षण और ना ही विक्रय कर सकेगा, अगर कोई उपयोग करता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी, साथी पक्षियों के विचारण की गतिविधि प्रमुखता तथा 6:00 से 8:00 बजे तथा शाम 5:00 से 7:00 बजे के मध्य होती है. इस समय पतंग के उड़ने पर भी प्रतिबंध रहेगा यह 31 जनवरी तक के आदेश प्रभावी रहेगा।
चाइनीस माँझे के उपयोग पर रोक
जिला मजिस्ट्रेट डॉक्टर प्रदीप ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर पतंग गाजी के लिए मिश्रित धातुओं के मंझा (चाइनीस माँझे ) का प्रयोग ना किया जाए यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से तैयार होता है और यह पेज लगाने में अधिक कारगर होता है। इस कारण से इसका उपयोग अधिक किया जा रहा है, लेकिन यह सिर्फ हाथ सिर्फ मनुष्य के हाली हानिकारक नहीं यहां तक की वाहन चालक, पक्षियों–पशुओं के लिए भी बहुत हानिकारक है. यह विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने के कारण धारदार और बिजली सुचालक होता है। साथ ही बिजली का सुचालक होने कारण बिजली के तारों के संपर्क में आने पर बिजली प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।