Sambhal Tunnel News: “संभल की बावड़ी में मिली दूसरी मंजिल, कुआं और छह दरवाजों का रहस्य खुला”

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Sambhal Tunnel News: चंदौसी के मुस्लिम बहुल मोहल्ले लक्ष्मण गंज में एक खाली प्लाट में मिली बावड़ी का रहस्य अब धीरे-धीरे स्पष्ट हो रहा है। छठे दिन गुरुवार को भी बावड़ी में खोदाई और सफाई का काम जारी था। बुधवार को खोदाई के दौरान अब ऊपरी मंजिल साफ दिखाई देने लगी है और लाल पत्थर का फर्श भी नजर आने लगा है। हालांकि, पहले तल से मिट्टी हटाने का काम अभी भी चल रहा है। इसके साथ ही, एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर बावड़ी का सर्वे किया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब 17 दिसंबर को मोहल्ला लक्ष्मण गंज में 150 साल पुराना खंडहरनुमा बांकेबिहारी मंदिर पाया गया। इसके बाद, सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस पर डीएम राजेंद्र पैंसिया से मुलाकात की और प्रार्थना पत्र देकर मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग की। साथ ही, यह दावा भी किया कि मंदिर के पास स्थित खाली प्लॉट में एक बावड़ी मौजूद है।

डीएम के आदेश पर खोदाई का काम उसी दिन शुरू कर दिया गया, और इसके परिणामस्वरूप बावड़ी का अस्तित्व सामने आने लगा। पहले दिन की खोदाई में बावड़ी की दीवारें दिखीं, और खोदाई की गति में तेजी आई। दूसरे दिन में कमरों के दरवाजे और दरवाजों के पीछे एक सुरंग जैसे गलियारे का पता चला। तीसरे दिन बावड़ी के अंदर जाने के लिए सीढ़ियां दिखाई देने लगीं। चौथे दिन 13 सीढ़ियां स्पष्ट रूप से दिखने लगीं। रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खोदाई का काम किया जा रहा है।

पांचवे दिन बुधवार को खोदाई के दौरान ऊपरी मंजिल का फर्श दिखाई दिया, जो लाल पत्थर का था। सीढ़ियों के पास छह गेट दिखाई दिए, जिनमें से पांच सादा और एक नकासीदार था। गेट के पीछे एक कमरे नुमा गलियारा था। एएसआई की टीम ने वहां पहुंचकर फर्श से मिट्टी हटवाने का कार्य किया और फर्श से लिंटर तक की ऊंचाई करीब साढ़े दस फीट मापी।

ASI की मेरठ टीम ने बावड़ी का सर्वे किया। टीम में राजेश कुमार और मुकेश कुमार शामिल थे। टीम ने पालिका के अधिकारियों को सिर्फ यह बताया कि वे मेरठ एएसआई से बावड़ी का सर्वे करने के लिए आए थे। टीम ने करीब दो घंटे तक सर्वे किया और इसके बाद दोपहर 2 बजे के करीब मौके से लौट गई।

इन दिनों, चंदौसी में इस बावड़ी और 150 साल पुराने बांके बिहारी मंदिर को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। इस वजह से कार्य में कोई बाधा न आए, इसके लिए पीएसी (पुलिस प्रशासनिक बल) तैनात किया गया है। बुधवार शाम चार बजे के बाद जब खोदाई का काम बंद हुआ, तो आसपास की महिलाएं, पुरुष और बच्चे बड़ी संख्या में बावड़ी में उतरकर उसे देखने लगे।

यह बावड़ी और मंदिर दोनों चंदौसी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण खोज के रूप में सामने आ रहे हैं, और इनकी खुदाई से इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का रहस्य खुलने की संभावना है।

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