चांदनी चौक सीट पर सियासी समीकरण बदलने के बाद, इस बार होगा जोरदार मुकाबला

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दिल्ली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में इस बार का चुनाव दिलचस्प और कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। लंबे समय तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस को हराया और यहां अपनी जड़ें मजबूत कीं। चांदनी चौक की राजनीति में कांग्रेस की हार और आप की सफलता ने इस सीट को नया मोड़ दिया है।

 

यह क्षेत्र हिंदू और मुस्लिम मतदाताओं का मिश्रण है, जिसके कारण सभी पार्टियों के लिए जातीय समीकरण साधना चुनौतीपूर्ण होता है। भाजपा का चांदनी चौक में रिकॉर्ड काफी कमजोर रहा है, यहां तक कि पार्टी ने केवल 1993 में ही इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उसके बाद से भाजपा यहां सफल नहीं हो पाई है, और यह सीट हमेशा से कांग्रेस और आप के बीच रही है।

 

इस बार, आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक प्रहलाद सिंह साहनी की जगह उनके बेटे पुरनदीप साहनी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने इस क्षेत्र के प्रमुख नेता जयप्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल को मैदान में उतारा है, जो पहली बार चुनावी मुकाबले में हैं। यह बदलाव चुनावी मुकाबले को और रोचक बना देगा। भाजपा ने अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वह भी नया चेहरा पेश कर सकती है।

 

चांदनी चौक की राजनीति का इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है, और इस बार के चुनाव परिणाम पर पुराने समीकरण और नई रणनीतियों का बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। यह देखना होगा कि क्या आम आदमी पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखती है, कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल कर पाती है, या भाजपा यहां लंबे समय बाद जीत का स्वाद चखती है।

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