वोटों में हेरफेर कर स्वजातीय को सभापति बनाने का आरोप, निर्वाचन आयोग ने डीएम के खिलाफ जांच के निर्देश दिए

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चेवाड़ा नगर पंचायत के सभापति चुनाव में कथित धांधली के आरोपों को लेकर एक साल बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है, जिससे राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच वरीय अधिकारियों से कराने का निर्देश दिया है। यह मामला 3 फरवरी 2023 को लोजपा जिलाध्यक्ष इमाम गजाली की पत्नी शमां प्रवीण द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग में दायर किए गए परिवाद पत्र से जुड़ा हुआ है। शमां प्रवीण ने आरोप लगाया था कि चेवाड़ा नगर पंचायत के चुनाव में तत्कालीन डीएम सावन कुमार ने मतगणना के दौरान वोटों में हेरफेर कर अपने स्वजातीय प्रत्याशी लट्टू यादव को जीत दिलवायी। शमां ने जब पुनः मतगणना की मांग की, तो उस समय के प्रभारी सोनी कुमारी ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया। इस मामले में शमां प्रवीण ने पहले पटना हाई कोर्ट और फिर राज्य निर्वाचन आयोग से न्याय की गुहार लगाई थी।

हालांकि, एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, राज्य निर्वाचन आयोग को मामले की जांच का प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हो सका है। इस पर विशेष कार्य पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन और नगर परिषद शेखपुरा को पत्र भेजकर आरोपों की जांच वरीय अधिकारियों से कराने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द आयोग को उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही, पत्र की एक प्रतिलिपि मुंगेर प्रमंडल के आयुक्त को भी भेजी गई है, ताकि वे इस मामले पर आवश्यक कार्यवाही कर सकें। इस घटना के बाद, अब पूरे मामले की जांच में और पारदर्शिता की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि मामले में शामिल अधिकारियों की भूमिका पर उचित कार्रवाई हो सके। इस मामले में राजनीति और प्रशासनिक हस्तक्षेप के आरोपों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

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