बिहार में 21 बच्चों की हालत गंभीर, जहरीला बीज खाने से मची अफरा-तफरी

सुपौल के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र से एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें 21 बच्चे एक दुर्लभ पौधे के बीज खाने के कारण बीमार हो गए। यह घटना बघला वार्ड नंबर 9 के रेलवे निर्माणाधीन पुल के पास घटी, जहां बच्चे खेलने और बकरी चराने के दौरान रतनजोत (बघनडी) के पौधे के बीज खा गए। इन बच्चों ने बीज को बादाम समझ कर खा लिया, और इसके लगभग 4 से 4.5 घंटे बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी। बच्चों में पेट दर्द और उल्टी की शिकायतें शुरू हो गईं, जिससे उनकी हालत बिगड़ने लगी।घटना के बारे में पीड़ित बच्चों के परिजनों ने बताया कि स्कूल से घर लौटने के बाद बच्चे खेलने और बकरी चराने गए थे। खेलते-खेलते उन्होंने रतनजोत के पौधे के बीज को बादाम समझ लिया और खा लिया। बीज खाने के बाद शाम को घर लौटते समय बच्चों को अचानक पेट दर्द और उल्टी की समस्या होने लगी। इसकी गंभीरता को देखते हुए, परिजनों ने तुरंत बच्चों को त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया।
अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. सूर्य किशोर मेहता ने बताया कि रात करीब 9 बजे बच्चों को उल्टी और पेट दर्द के कारण अस्पताल लाया गया। सभी बच्चों का तुरंत इलाज शुरू किया गया और राहत की बात यह है कि अब सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टर ने बताया कि बच्चों ने रतनजोत के बीज को बादाम समझ कर खा लिया था, जो आयुर्वेदिक दवाइयों में एक घटक के रूप में उपयोग होता है। हालांकि, यह बीज अगर अत्यधिक मात्रा में खाया जाए तो यह शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। डॉ. मेहता के अनुसार, इस पौधे का बीज सामान्यत: आयुर्वेदिक दवाइयों में छोटे डोज़ में इस्तेमाल होता है, लेकिन बच्चों द्वारा अधिक मात्रा में खाने पर उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।रतनजोत (बघनडी) का पौधा आमतौर पर जंगलों, सड़क किनारे और अन्य खुले स्थानों पर उगता है। इसके बीज में कुछ रासायनिक गुण होते हैं, जो चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन बच्चों के लिए यह खतरनाक हो सकते हैं, खासकर जब इसे बिना पहचान के खा लिया जाए।अस्पताल में बच्चों की स्थिति अब सामान्य है और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। इस घटना ने यह भी साबित किया कि बच्चों को खेल-खिलवाड़ के दौरान प्राकृतिक पौधों और जड़ी-बूटियों से संबंधित खतरों के बारे में जागरूक करना जरूरी है।