उत्तरकाशी समाचार: राला के ग्रामीण आज भी सड़क की कमी से जूझ रहे हैं

उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के राला गांव, जो आजादी के सात दशक बाद भी सड़क से नहीं जुड़ा है, एक कठिन स्थिति में है। यहां के ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए तीन से चार किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है, और बरसात या बर्फबारी के दौरान यह दूरी बढ़कर 15 किलोमीटर तक हो जाती है। इस समस्या से ग्रामीण बहुत परेशान हैं, क्योंकि चुनावों के दौरान स्थानीय नेताओं ने सड़क बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।गांव के लोग जैसे जयदेव सिंह, शिव सिंह, जगमोहन, परदेव और रामदेव सिंह का कहना है कि राला गांव कासला ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है, जहां करीब 30 परिवार रहते हैं। कासला तक कच्ची सड़क का निर्माण हो चुका है, और वहां तक वाहन पहुंच सकते हैं। लेकिन कासला के बाद राला तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को तीन से चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बर्फबारी के दौरान यह दूरी और बढ़ जाती है, क्योंकि उन्हें जखोल तक लगभग 15 किलोमीटर पैदल चलने की जरूरत होती है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर सड़क निर्माण प्रक्रिया जल्द शुरू नहीं होती, तो उन्हें उग्र आंदोलन करना पड़ सकता है। दरअसल, राला के लिए सड़क निर्माण का सर्वे पहले ही हो चुका है, लेकिन भूमि विवाद के कारण काम रुका हुआ है। दोनों गांवों के बीच कुछ विवाद हैं, जिन्हें हल करने के बाद ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।ग्रामीणों की उम्मीद है कि जल्द ही उनका गांव सड़क से जुड़ेगा, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा और यात्रा करना आसान होगा। वे सड़क निर्माण के लिए सरकार और स्थानीय प्रतिनिधियों से जल्द कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।