महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए रेल, जल और सड़क मार्ग से यात्रा होगी आसान

महाकुंभ 2025 को लेकर काशी में भव्य तैयारियां चल रही हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए काशी में रेल, सड़क और जल मार्ग पर विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके तहत रोडवेज, रेलवे और जलमार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को अत्यधिक आरामदायक और सुगम यात्रा सुविधा मिल सकेगी।
कैंट रोडवेज बस स्टेशन से 320 बसें महाकुंभ के लिए चलाई जाएंगी। इन बसों का संचालन आठ डिपो से किया जाएगा, जिनमें कैंट डिपो से 52, काशी डिपो से 55, ग्रामीण डिपो से 33, चंदौली से 25, सोनभद्र से 32, विंध्यनगर से 28, गाजीपुर से 50 और जौनपुर से 55 बसें शामिल हैं। इन बसों की आवागमन की व्यवस्था हर पांच मिनट के अंतराल पर की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। यदि यात्री संख्या में वृद्धि होती है, तो बसों की संख्या को और बढ़ा दिया जाएगा। इसके अलावा, 25 इलेक्ट्रिक बसें भी चलाई जाएंगी, जो पर्यावरण के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।
रेलवे विभाग भी महाकुंभ को लेकर खास तैयारियों में जुटा है। बनारस, सिटी और कैंट स्टेशनों से मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इन विशेष ट्रेनों का संचालन पहले से तैयार की गई रणनीति के तहत होगा, ताकि भीड़ को सुचारु रूप से नियंत्रित किया जा सके। बनारस स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए एक होल्ड एरिया तैयार किया जाएगा, और सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।
इसके अलावा, महाकुंभ में पहली बार जलमार्ग से भी यात्रा करने की व्यवस्था की जाएगी। नमो घाट और रविदास घाट से हाइड्रोजन जलयान और क्रूज का संचालन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं को चुनार, विंध्याचल होते हुए संगम तक ले जाएंगे। 28 मीटर लंबा और 5.8 मीटर चौड़ा जलयान एक बार में 50-55 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखेगा। इस जलमार्ग की शुरुआत से काशी में पर्यटन और धार्मिक यात्रा को नया आयाम मिलेगा।
महाकुंभ के लिए तैयारियां दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी, और इसके साथ ही इस महापर्व का हिस्सा बनने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा।