संतों से मुलाकात के बाद मोहन भागवत बोले- संघ पर दुनिया की नजरें, उम्मीदें ज्यादा

चित्रकूट जिले के उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का दो दिवसीय वर्ग सम्मेलन आयोजित किया गया। पहले दिन के दूसरे सत्र में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाकौशल प्रांत के स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष की यात्रा पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें संघ की स्थापना से लेकर अब तक के सफर का वर्णन किया। भागवत ने बताया कि कैसे संघ की विचारधारा लोगों को प्रेरित कर रही है और लोग अब उम्मीद भरी नजरों से संगठन की ओर देख रहे हैं।
संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को उनके तप, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा के लिए सराहा और कहा कि संघ की समाज में छवि स्वयंसेवकों के आचरण के कारण बनी है। उन्होंने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन का मंत्र राष्ट्रीयता, समरसता, सद्भाव और अनुशासन को बनाए रखें। भागवत ने कहा कि समाज में समरसता और सद्भावना से व्यवहार करना चाहिए और मित्रों के कष्टों का निवारण करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अनुशासन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र और समाज की प्रगति अनुशासन पर निर्भर करती है। भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए उन्होंने हर क्षेत्र में अनुशासन का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के बाद मोहन भागवत ने कुछ संतों से मुलाकात की। उन्होंने इन संतों के कामों की सराहना की और सनातन धर्म के प्रसार के लिए उनकी कोशिशों की प्रशंसा की। इसके बाद भागवत ने कई मंदिरों में जाकर दर्शन किए।
चित्रकूट प्रवास के दौरान आरएसएस प्रमुख की मुलाकात प्रसिद्ध कथा वाचक संत मोरारी बापू से भी हुई। दोनों ही चित्रकूट में डीआरआई के आरोग्यधाम परिसर में ठहरे हुए हैं। भागवत वैदेही वाटिका में और मोरारी बापू कृष्णा सदन में ठहरे हैं। मंगलवार शाम को पंचवटी परिसर में इन दोनों की भेंट हुई। आधे घंटे की इस चर्चा में उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर विचार विमर्श किया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस सम्मेलन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। भागवत की सुरक्षा के लिए वर्ग स्थल पर 450 पुलिसकर्मियों के साथ सीआईएसएफ की टीम भी तैनात की गई है। बिना अनुमति के किसी को भी परिसर में प्रवेश की इजाजत नहीं है। उनके आवागमन के लिए बुलेटप्रूफ और जैमर युक्त वाहन भी उपलब्ध कराए गए हैं। सीआईएसएफ के जवान उनके वाहन के आगे और पीछे मुस्तैद रहते हैं, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।