किन्नौर से 45 लाख पेटियां सेब की मंडियों में भेजी गईं, यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मिला फायदा

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में इस साल सेब का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। अब तक, 45 लाख पेटियां सेब की देशभर की मंडियों में भेजी जा चुकी हैं, जो इस जिले के लिए एक नया रिकॉर्ड है। इससे पहले, 2022-23 में 41 लाख पेटियों का उत्पादन हुआ था, जो तब तक का सबसे अधिक था।किन्नौर का सेब अपनी मिठास, स्वाद और गुणवत्ता के लिए बेहद मशहूर है। इस साल बागवानों को प्रति पेटी 1,500 से 2,900 रुपये के बीच कीमत मिल रही है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है, जबकि फसल बहुत बड़ी है। अब, किन्नौर में सेब की खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है और खाली पड़ी ज़मीनों में भी नए सेब के बाग लगाए जा रहे हैं।
इस साल, राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए यूनिवर्सल कार्टन सिस्टम का भी बागवानों को खासा फायदा हुआ है। पहले एक पेटी में 28 से 32 किलो सेब रखा जाता था, लेकिन अब यूनिवर्सल कार्टन में 22 से 24 किलो सेब आता है, जिससे बागवानों को प्रति पेटी अधिक कीमत मिल रही है। इसके अलावा, इस बदलाव से आढ़तियों को भी लाभ हो रहा है।किन्नौर जिले में हर साल सेब की खेती से बागवानों की आर्थिकी मजबूत होती है। इस साल भी सेब के उत्पादन से बागवानों ने लगभग आठ करोड़ रुपये की कमाई की है।
पिछले पांच सालों में किन्नौर से सेब के उत्पादन के आंकड़े इस प्रकार रहे हैं:
- 2019-20: 28,43,000 पेटियां
- 2020-21: 36,66,000 पेटियां
- 2021-22: 24,37,900 पेटियां
- 2022-23: 41,66,000 पेटियां
- 2023-24: 29,14,900 पेटियां
इस साल, किन्नौर से अब तक 45 लाख पेटियां सेब की मंडियों में भेजी जा चुकी हैं, और यूनिवर्सल कार्टन की वजह से बागवानों को अच्छा फायदा हुआ है। ये प्रणाली सेब उत्पादन में और भी सुधार लेकर आई है और बागवानों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रही है।