उत्तराखंड वन विभाग का नया प्लान: जंगल की आग रोकने के लिए लॉन्च होगा स्मार्ट ऐप!

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आगामी सीजन में जंगलों को आग से बचाने के लिए उत्तराखंड वन विभाग डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।

वन विभाग “फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड” नामक मोबाइल ऐप तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इस ऐप की मदद से आग की घटनाओं की तुरंत जानकारी मिल सकेगी और त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।

वन विभाग के अधिकारियों ने एप की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे और अधिक आधुनिक बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, आगामी सीजन में पांच हजार कर्मियों और पांच हजार वालंटियर्स की मदद से आग पर काबू पाने का भरोसा जताया।

आग सूचना प्रबंधन प्रणाली को डिजिटल सेवाओं के साथ एकीकृत किया जाए

राज्य स्तर पर “फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड” मोबाइल ऐप की प्रगति को लेकर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें हरिद्वार के प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने मोबाइल ऐप और कंट्रोल रूम के डैशबोर्ड पर प्रस्तुतीकरण दिया।

पिछले वर्षों के जंगल की आग प्रबंधन के अनुभवों के आधार पर वन विभाग ने निर्णय लिया कि प्रदेश में जंगल की आग सूचना प्रबंधन प्रणाली को आधुनिक बनाकर डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जाएगा।

“फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड” मोबाइल ऐप और डैशबोर्ड के जरिए रियल-टाइम में सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा, जिससे जंगल की आग की रोकथाम में लगने वाले रिस्पांस टाइम में कमी आएगी। इस आईटी सिस्टम के तहत उत्तराखंड वन विभाग के 1400 से अधिक क्रू स्टेशनों की जीआईएस मैपिंग की गई है। मोबाइल ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति या पर्यटक जंगल की आग की सूचना जियो-टैग्ड इमेज के रूप में सीधे वन मुख्यालय के कंट्रोल रूम को भेज सकता है।

पूर्व में 2020 से 2022 तक, आईएफएस अधिकारी वैभव कुमार सिंह ने रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी रहते हुए जंगल की आग रोकने के लिए डिजिटल तकनीक का सफल संचालन किया था, जिसके लिए उन्हें नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड-2022 से सम्मानित किया गया था। बैठक में अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि) निशांत वर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक (गढ़वाल) नरेश कुमार, और सभी प्रभागीय वनाधिकारी भी उपस्थित रहे।

 

 

 

 

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