मध्य प्रदेश की संबल योजना में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा: सीएजी रिपोर्ट

एमपी संबल सहित कई योजनाओं में गड़बड़ी कैग रिपोर्ट में खुलासा कांग्रेस बोली  भ्रष्टाचार का अड्डा बना मध्यप्रदेश

 

मध्य प्रदेश सरकार की संबल योजना में व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत पंजीकृत 2.18 करोड़ श्रमिकों में से 67.48 लाख को अयोग्य घोषित किया गया है।

 

 

 

पात्रता की कमी: संबल योजना में पंजीकृत 2.18 करोड़ श्रमिकों में से 67.48 लाख श्रमिक अयोग्य पाए गए हैं, जो योजना के कार्यान्वयन में गंभीर खामियों की ओर संकेत करता है।

 

धोखाधड़ी की आशंका: सीएजी की रिपोर्ट में 71 परियोजना कार्यान्वयन इकाइयों में 414.94 करोड़ रुपये की संदिग्ध धोखाधड़ी का उल्लेख किया गया है, जहां ठेकेदारों ने बिटुमेन की खरीद के लिए फर्जी चालान जमा किए।

 

पोषण आहार में अनियमितता: रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 62.53 करोड़ रुपये मूल्य का राशन अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचा, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।

 

 

सरकारी प्रतिक्रिया

 

इन खुलासों के बाद, राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

 

 

 

सीएजी की इस रिपोर्ट ने संबल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर किया है, जो सरकार के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। आवश्यक है कि सरकार त्वरित और सख्त कदम उठाए ताकि जनता के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं का सही लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंच सके।

 

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