धार्मिक आयोजनों से गरमाई बिहार की सियासत
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले धार्मिक आयोजनों और बयानों के कारण राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। हाल ही में गोपालगंज में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी कथा के दौरान भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही, जिससे सियासी हलकों में हलचल मच गई।
राजद (RJD) ने भाजपा (BJP) पर आरोप लगाया कि वह चुनावी लाभ के लिए धार्मिक गुरुओं का इस्तेमाल कर रही है। राजद नेता मनोज झा ने कहा कि भाजपा के पास तेजस्वी यादव का राजनीतिक रूप से मुकाबला करने की ताकत नहीं है, इसलिए वे संतों का सहारा ले रही है।
वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हर धर्मगुरु को बिहार आने और अपने विचार रखने का अधिकार है। पार्टी ने यह भी कहा कि वह सर्व धर्म समभाव की नीति पर चलती है और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस बीच, भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने बयान दिया कि होली के दिन, जो रमजान के दौरान शुक्रवार की नमाज के साथ पड़ रहा है, मुसलमानों को घर के अंदर ही रहना चाहिए। इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा नेता पर कार्रवाई की मांग की।
जदयू (JDU) ने इस मुद्दे पर संतुलित रुख अपनाते हुए कहा कि बिहार में वर्षों से कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है और सभी समुदायों को अपने धार्मिक अनुष्ठान करने का अधिकार है।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि बिहार में चुनावी माहौल धार्मिक विवादों से प्रभावित हो रहा है, जिससे राज्य की राजनीति में नई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं।