PM Modi: उत्तराखंड से खास जुड़ाव, ये ऐतिहासिक तारीखें जब देवभूमि की मिट्टी से जुड़े प्रधानमंत्री

ऐसा यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी उत्तराखंड को लेकर इतने भावुक नजर आ रहे हैं। अगर पिछले कुछ वर्षों पर नजर डालें, तो हम साफ देख सकते हैं कि उत्तराखंड मोदी के दिल के बेहद करीब हैं। आइए, देखते हैं वह खास तारीखें जब प्रधानमंत्री मोदी देवभूमि की मिट्टी से जुड़े रहे।
पीएम ने 5 नवंबर 2021 को केदारनाथ में विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति लोकार्पित करने से लेकर, 2021-22 के विधानसभा चुनावों और 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री धामी के शपथ ग्रहण में उनकी उपस्थिति राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दर्शाती है।
21 अक्तूबर 2022 को केदारनाथ-बदरीनाथ यात्रा, 12 अक्तूबर 2023 को मानसखंड (जागेश्वर-आदि कैलाश) दौरा, 8 दिसंबर 2023 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और दो व 11 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनावों के दौरान उनकी मौजूदगी इसका प्रमाण है। 28 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय खेलों में उनकी भागीदारी ने खेलों को बढ़ावा दिया। ये सभी यात्राएं दिखाती हैं कि उत्तराखंड उनकी प्राथमिकता में है और वे इसे विकास व आध्यात्मिकता का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन तमाम दौरों से यह साबित होता है कि उत्तराखंड पीएम मोदी की प्राथमिकता में हमेशा सबसे ऊपर रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह संभव हुआ युवा और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण जो प्रदेश को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जब 2021 में पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तब उत्तराखंड कई चुनौतियों से जूझ रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तरकाशी जनपद का एक दिवसीय दौरा कई मायनों में यादगार होगा। वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो भारत-तिब्बत सीमा से जुड़े उत्तराखंड के चमोली और पिथौरागढ़ सीमावर्ती जिलों के बाद अब उत्तरकाशी के मुखबा और हर्षिल पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज होगा। वो देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल पहुंचेंगे।