Delhi Cyber Crime: मयूर विहार शिक्षा विभाग में कार्यरत एक अधिकारी को पांच दिन तक अरेस्ट रखा

पढ़े-लिखे लोग साइबर अपराधियों का शिकार बन रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मयूर विहार एक्सटेंशन से सामने आया है। शिक्षा विभाग में कार्यरत एक अधिकारी को साइबर अपराधी ने सीबीआई अधिकारी बनकर पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। संपत्तियों का लेखाजोखा सरकार से छिपाने का डर दिखाकर धमकाया। फिर जांच के नाम पर 44.50 लाख रुपये बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
आश्वासन दिया कि स्क्रूटनी के बाद राशि लौटा दी जाएगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो पीड़ित को अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। इस बाबत उनकी शिकायत पर पूर्वी जिले के साइबर पुलिस थाने में बृहस्पतिवार को प्राथमिकी पंजीकृत की गई। पुलिस सूत्रों की मानें, तो शुरुआती जांच में सामने आया है कि ठग ने कंबोडिया से कॉल की थी।
पीड़ित दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में कार्यरत
पीड़ित मयूर विहार एक्सटेंशन की एक सोसायटी में रहते हैं। वह दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। एफआईआर के मुताबिक, 10 जनवरी को उनको वाट्सएप काल आई। उसमें एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए बातचीत शुरू की।
उसने पीड़ित पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी अधिकारी होते हुए अपनी संपत्तियों का ब्योरा सरकार से साझा नहीं किया है। इन्हीं बातों में उलझाकर उनको कार्रवाई का डर दिखाया और धमकाया। 14 जनवरी तक उनको डिजिटल अरेस्ट रखा।
तीन ट्रांजेक्शन में 44.50 लाख रुपये कराए ट्रांसफर
बातें करते-करते ठग ने उनसे उगलवा लिया कि उनके पास कितना पैसा है। यह उनके सार्वजनिक करते ही ठग ने जांच के नाम पर उनसे सारे पैसे उसके बताए खातों में ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। साथ ही कहा कि इतना पैसा किस माध्यम से आया, यह जांच करने के बाद पूरी रकम 24 घंटे में वापस की जाएगी।
पीड़ित ने डर से अपनी एफडी से रकम निकाल कर पत्नी के साथ चल रहे संयुक्त बचत खाते में ली। फिर उस खाते से तीन ट्रांजेक्शन में 44.50 लाख रुपये दिनेश सिंह व इमरान अली के खाते में ट्रांसफर कर दिए। 19 जनवरी तक जब रकम वापस नहीं आई, तो पीड़ित को अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। फिर पुलिस से शिकायत की।