नेशनल गेम्स: सुनारगांव की ज्योति ने वुशू में कांस्य पदक जीता, कड़ी मेहनत का फल

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38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के लिए पहला पदक जीतने वाली ज्योति वर्मा ने वुशू में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से सफलता हासिल की है। उन्होंने पुलिस भर्ती प्रशिक्षण के दौरान वुशू की बारीकियां सीखी और इसके बाद 45 दिनों तक कड़ी ट्रेनिंग की। हालांकि वह गोल्ड मेडल से चूक गईं, लेकिन कांस्य पदक ने उनकी मेहनत और लगन को साबित किया। उनकी इस उपलब्धि से कांडा तहसील के सुनारगांव में खुशी का माहौल है।ज्योति के पिता राजेंद्र लाल वर्मा गांव में दुकान चलाते हैं, और मां भगवती गृहिणी हैं। ज्योति ने राइंका कांडा से 12वीं कक्षा पास की और फिर राजकीय महाविद्यालय कांडा से स्नातक की डिग्री हासिल की। 2016 में उनका उत्तराखंड पुलिस में चयन हुआ, जहां पुलिस प्रशिक्षण के दौरान उनकी मुलाकात वुशू की कोच अंजना रानी सकपाल से हुई। कोच सकपाल ने ही ज्योति को वुशू खेलने के लिए प्रेरित किया और इसके बाद वुशू उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया।

वर्तमान में महिला आरक्षी के रूप में तैनात ज्योति ने राष्ट्रीय खेलों से पहले 45 दिनों तक कड़ी ट्रेनिंग की और देहरादून में वुशू की चांगक्वान स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उनके इस अद्भुत प्रदर्शन ने न केवल राज्य का नाम रोशन किया, बल्कि उनकी मेहनत और समर्पण को भी उजागर किया।ज्योति की इस सफलता पर एसपी चंद्रशेखर आर घोड़के और पुलिस विभाग के सभी सदस्यों ने खुशी जताई। उन्होंने बताया कि ज्योति ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके इस बेहतरीन प्रयास पर विधायक सुरेश गढ़िया, भाजपा उपाध्यक्ष आनंद धपोला, हीरा सिंह कर्म्याल और अन्य नेताओं ने भी अपनी खुशी व्यक्त की।

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