शिमला: 8 वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से 93 लोगों की मौत, जिला शिमला आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में खुलासा

9 Dead And Around 25 Feared Trapped As Shiv Mandir In Shimla Collapses:  Landslides In Summerhill and Fagli

 

हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न पहाड़ी राज्य बीते कुछ वर्षों में कई बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में बीते 8 वर्षों के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण 93 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन 8 वर्षों में प्रदेश में 35 बड़ी प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिली हैं, जिनमें करोड़ों रुपयों के नुकसान के साथ कई मवेशियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। यह आंकड़े जिला शिमला आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में सामने आए हैं।

 

जिला शिमला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वर्ष 2016 से 2024 तक प्राकृतिक आपदा के तहत हुए प्रमुख नुकसान की जानकारी साझा की। वर्ष 2017 में जिले में 3 मुख्य आपदाओं में 7 व्यक्तियों की मृत्यु और 18 भेड़ों की जान गई थी। वर्ष 2018 में 4 प्राकृतिक आपदाओं में 47 मकान, 5 गौशालाओं को नुकसान हुआ, 161 भेड़ें और 10 बकरियों की जाने गईं। वहीं, वर्ष 2019 में 4 घटनाओं में 6 लोगों की मृत्यु, 6 मकानों की क्षति और 20 भेड़ व बकरियों की जान गईं।

 

2024 में गई 40 लोगों की जान:

वर्ष 2020 में 2 आपदाओं में 77 भेड़-बकरियों की जानें गईं और ठियोग के पंचायत घर व डाक घर को आग से नुकसान हुआ। वर्ष 2021 में 3 आपदाओं में 2 व्यक्तियों की मृत्यु हुई और 507 भेड़-बकरियों की जानें गईं। वर्ष 2022 में 1 मुख्य घटना में रोहडू में 488 भेड़-बकरियों की जान गई। वर्ष 2023 की 9 मुख्य आपदाओं में 38 लोगों की मृत्यु और करोड़ों रुपयों की सरकारी व निजी सम्पत्ति को नुकसान हुआ। वहीं, वर्ष 2024 की 9 प्रमुख आपदाओं में 36 व्यक्तियों की बादल फटने और 4 व्यक्तियों की अन्य दुर्घटना में मृत्यु हुई, 49 मकान और 11 गौशालाओं को पूर्ण रूप से नुकसान हुआ।

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