Rohit Murder Case: नैनीताल हत्याकांड में दोनों आरोपी बरी, कोर्ट का आया बड़ा फैसला

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश विक्रम की कोर्ट ने शहर के बहुचर्चित रोहित तिवारी हत्याकांड के दोनों अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन पक्ष अपराध को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता दीपक रूवाली के अनुसार 8 जनवरी 2019 को केसी तिवारी निवासी चार्टन लाज ने मल्लीताल कोतवाली में तहरीर दी थी। जिसमें कहा था कि उनका बेटा रोहित घर से काशीपुर जाने को निकला था।
शाम को बहु ने संपर्क साधा तो उसने खुद को बारापत्थर में बताया। जब वह दुकान बंद कर गए तो पता चला कि रोहित बीडी पांडे अस्पताल के पास घायल अवस्था में पड़ा है। जब मौके पर पहुंचे तो उसके सिर से रक्तस्राव हो रहा था। घायल हालत में रोहित ने बताया कि हत्या की नीयत से उसको चोट पहुंचाई गई है।
लोगों से पता चला कि मौके पर फायर की आवाज भी सुनी गई।
घटना 8 जनवरी 2019 की है, जब केसी तिवारी, निवासी चार्टन लाज, ने मल्लीताल कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि उनका बेटा रोहित तिवारी काशीपुर जाने के लिए घर से निकला था, लेकिन लौटकर नहीं आया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, और कुछ दिनों बाद रोहित का शव बरामद हुआ। पुलिस ने इस हत्या के मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।
रोहित तिवारी के परिवार ने अदालत के इस फैसले पर दुख और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि न्याय की उम्मीद में उन्होंने कई साल इंतजार किया, लेकिन अब वे इस फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय जाने पर विचार कर रहे हैं।
यह मामला नैनीताल में चर्चा का विषय बना हुआ है और न्याय व्यवस्था को लेकर नई बहस छेड़ गया है।